जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक
जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक।
संगीत है हर समय और स्थिति की जरूरत।
लोरी है जीवन का पहला संगीत।
प्रकृति की हर वस्तु में जीवन का उदगीत।
ईश्वर की भक्ति में संगीत।
माता की शक्ति में संगीत।
मंदिर के शंखनाद में संगीत।
मस्जिद की अजान में संगीत।
शीतल बयार में संगीत।
आंधी के संहार में भी संगीत।
बारिश की टिप टिप में संगीत।
पानी के छप छप में संगीत।
भारत की संस्कृति में संगीत।
जीवन की हर मन स्थिति में संगीत।
दिलों के प्यार में संगीत।
जीवन का त्यौहार है संगीत।
जीवन में है संगीत यह संगीत में है जीवन।
बिन संगीत जीवन में व्याप्त सूनापन।
निराश मन में आशा का संचार संगीत।
पत्थर में जान डाले। वह झंकार है संगीत।
हास्य व रुदन में संगीत।
अन्याय अत्याचार के दमन में संगीत।
पृथ्वी के कण-कण में संगीत।
जीवन के हर क्षण में संगीत।
वर्तिका दुबे, उत्तर प्रदेश