वो स्काउट कैम्प है मेरा
जहाँ प्रकृति की सुंदर गोदी में स्काउट करता है बसेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा
जहाँ सत्य सेवा और निष्ठा का हर पल लगता है फेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा
यह धरती जहाँं रोज फहरता,नीला झण्डा हमारा
जहाँ जंगल में मंगल करता है,स्काउट वीर हमारा
जहाँ शिविर संचालक सबसे पहले डाले तम्बू डेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा —-
बालचरों की इस नगरी के काम भी नित अलबेले
कभी लेआउट की झटपट है, कभी हाइक के रेले
मौज मस्ती का रात में लगता, शिविर ज्वाला घेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा ———-
जहाँ मान सभा में बातें करते, पेट्रोल लीडर सारे
सभी शिविर में नीली ड्रेस पर,गले में स्कार्फ डारे
तीन अंगुली से सेल्यूट करता,पॉवेल ‘रिखब’ तेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा ——-
जहाँ प्रकृति की सुंदर गोदी में, स्काउट करता है बसेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा
जहाँ सत्य सेवा और निष्ठा का,हर पल लगता है फेरा
वो स्काउट कैम्प है मेरा
रिखब चन्द राँका ‘कल्पेश’जयपुर राजस्थान