भावना और भगवान

भावना और भगवान

.             
यदि सच्ची हो भावना,मिल जाते भगवान।
जग में सच्चे बहुत हैं,अच्छे दिल इंसान।।
देश हमारे हैं बहुत, दाता अरु धन वान।
संसकारों संग भरा,प्यारा  हिंदुस्तान।।
मुझे गर्व है शान है,मेरा देश महान।,
जल,थल संग वायु चले,आज हमारे यान।।
जिसमें बैठे गगन को, छू जाए संतान।
नव पीढी को मैं भले, देऊँ ऐसा ज्ञान।।
पारस्परिक विचार को,करते सदा प्रणाम।
उन्नत नित करते रहें,नए नए आयाम।।
खुशियों से भरपूर है, सबको यह पैगाम।
बन कर्मठ करते रहें,नित्य निरंतर काम।।
होगा संगत देश के,अपना ऊँचा नाम।
नेक भावना राखिए, कहलाएँ भगवान।।
करते हैं सद्कर्म ही, विदुषी अरु विद्वान।
इंसानों की भावना,कहै उन्हें भगवान ।।
कवयित्री: डॉ० ऋचा शर्मा
करनाल(हरियाणा)
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *