हर पल उत्सव सा मनालें – केवरा यदु “मीरा “
जिंदगी चार दिन की चलो गीत गालें ।
हँस लें हम खुद औरों को भी हँसालें ।
चाहें तो जिन्दगी को हम इस तरह सजालें ।
हर दिन दिवाली होली उत्सव मनालें ।
न बेरंग जीवन हो संग मिलकर संवारें ।
रहें हरपल मगन छूटे हँसी के फव्वारें।
न हो भूखा पड़ोसी चलो मिल बाँट खालें।
जिंदगी का हर पल उत्सव सा मनालें ।
बेंटियों को रावण से चल कर बचालें ।
सिसकती हुई बेटियों को हम हँसालें ।
रंगों की होली से तन मन रँगालें ।
दुश्मन रहे न कोई मीत सबको बनालें ।
जिंदगी है उत्सव नहीं उदासी हम पालें
चलो आज सबको गले से लगालें।
केवरा यदु “मीरा “
राजिम