मिट्टी की घट पर कविता की महिमा बताती सुकमोती चौहान रुचि की छप्पय छंद में यह अनूठा काव्य

मिट्टी की घट पर कविता

मिट्टी घट की ओर ,चलो अब लौटे हम सब।
प्लास्टिक का प्रतिबंध,मनुज स्वीकारोगे कब।
मृदा प्रदूषण रोक,पीजिए घट का पानी।
स्वस्थ रहेगा गात, स्वच्छता बने निशानी।
घड़ा सुराही की शुद्धता, मान रहा विज्ञान भी।
लाइलाज रोगों की दवा,मिट्टी यह वरदान भी।

✍ सुकमोती चौहान रुचि
बिछिया,महासमुन्द,छ.ग.

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