अब तरूणों को आना होगा
राष्ट्रवाद का अलख जगाने,अब तरूणों को आना होगा।
भारत भू की रक्षा खातिर, रक्त बहाने आना होगा।
आतंकी असुरों को हम, यूँ कब तक ऐसे झेलेंगे ….
भस्मासुर सा नृत्य करा,उनका दिल दहलाना होगा।
सोए देश के वीरों जागो,कुछ पहचानो अपने को।
आत्म शक्ति जो खोया तुमने, फिर से उसे जगाना होगा।
नव दधीचि का वज्र बना,कर प्रहार तू सीने मे।आतंको के आतंक से,धरती को मुक्त कराना होगा।
नील गगन की शान तिरंगा,ये कभी न झुकने पाए।
माँ का वैभव अमर बना, अपना फर्ज चुकाना होगा।
रविबाला ठाकुर”सुधा”
स./लोहारा
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