"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
मृत्युभोज पर कविता मृत्युभोज(16,14)जीवन भर अपनो के हित में,मित हर दिन चित रोग करे।कष्ट सहे,दुख भोगे,पीड़ा ,हानि लाभ,के योग करे,जरा,जरापन सार नहीं,अबबाद मृत्यु के भोज करे।बालपने में मात पिता प्रिय,निर्भर…
ताटंक छंद ~विधान :- १६, १४ मात्राभारदो दो चरण ~ समतुकांत,चार चरण का ~ छंदतुकांत में गुरु गुरु गुरु,२२२ हो। श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद) कविता संग्रह बने नींव…
नमन करूँ मैं- बाबूलाल शर्मा नमन. ( 16,14)नमन करूँ मैं निज जननी को,जिसने जीवन दान दिया।वंदन करूँ जनक को जिसनेजीवन का अरमान दिया।नमन करूँ भ्राता भगिनी सब ,संगत रख कर…
बातें पिता पद की- बाबूलाल शर्मा छंद सजीवन प्राण देता है,सहारा गेह का होते।कहें कैसे विधाता है,पिताजी कम नहीं होते।मिले बल ताप ऊर्जा भी,सृजन पोषण सभी करता।नहीं बातें दिवाकर की,पिता…
जनसंख्या वृद्धि देश और समाज के लिए गंभीर खतरा है। आबादी लगातार बढ़ रहे है। और संसाधन घट रहे है।
सोच को बदलना होगा,बढ़ते जनसंख्या पर काबू करना होगा और संसाधन में वृद्धि करनी होगी।
पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) बासुदेव अग्रवाल 'नमन' छंद बिजलियों की गूंज, मेघों की घटा।हो रही बरसात, सावन की छटा।।ढोलकी हर ओर, रिमझिम की बजी।हो हरित ये भूमि, नव वधु…