महिला दिवस पर दोहा छंद / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’

महिला दिवस पर दोहा छंद / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ सृष्टि सृजन में है सदा, नारी का अनुदान।पुरुष बराबर कर्म कर, बनी देश की शान।। नारी देवी तुल्य है, ममता की भंडार।सदा संघर्ष कर रही, माने कभी न हार।। निज के पोषण के लिए, करती बाहर काज।अपने फर्ज निभा रही, गृहणी बनकर आज।। हर घर … Read more

मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ- मनीभाई नवरत्न

मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ;कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकरमैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ। मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,अपने मन का गान किया करता हूँ। … Read more

सीताराम सीताराम सीताराम कहिए

सीताराम सीताराम सीताराम कहिए सीताराम सीताराम सीताराम कहिए।जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए।। 1. मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में,तू अकेला नहीं प्यारे, राम तेरे साथ में,विधि का विधान जान, हानि-लाभ सहिए।। 2. किया अभिमान तो फिर मान नहीं पाएगा,होगा वही प्यारे जो श्रीराम जी को भाएगा,फल आशा त्याग शुभ कर्म … Read more

चाह गई चिंता मिटी

चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह।जिनको कछु न चाहिए, वे साहन के साह॥ रहीम कहते हैं कि किसी चीज़ को पाने की लालसा जिसे नहीं है, उसे किसी प्रकार की चिंता नहीं हो सकती। जिसका मन इन तमाम चिंताओं से ऊपर उठ गया, किसी इच्छा के प्रति बेपरवाह हो गए, वही राजाओं के राजा हैं। … Read more

मेरी प्यारी हिन्दी / प्रभात सनातनी “राज’

हिन्दी भारत की राजभाषा और विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और संस्कृत, फारसी, अरबी, तुर्की और अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं से प्रभावित है। हिन्दी का साहित्यिक और व्यावहारिक रूप व्यापक है, जिसमें कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और तकनीकी लेखन शामिल हैं। यह भाषा भारतीय संस्कृति, परंपराओं … Read more