नोटबंदी पर कविता

नोटबंदी पर कविता सरकार जी आपने की थी नोटबंदीआठ नवंबरसन् दो हजार सोलह कोनहीं थकेआपके चाहने वालेनोटबंदी केफायदे बताते-बतातेनहीं थकेआपके आलोचकआलोचना करते-करतेलेकिन हुआ क्या?पहाड़ खोदने कीखट-खट सुनकरबिल छोड़कर सुदूरचूहा भी भाग…

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता -श्रीमती शशिकला कठोलिया,

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता छत्तीसगढ़ी कविता जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया,सुन लोग हो जाते स्तंभित,राष्ट्रगान सा स्वर है गुजँता,छत्तीसगढ़ का यह राज गीत,नरेंद्र देव वर्मा की अमर रचना,है उसकी…

इश्क पर कविता-माधवी गणवीर, छत्तीसगढ़

इश्क पर कविता यू इस तरह न मुंह मोड़ कर चला करो,है इश्क तो जुबां से भी कहा करो। क्यों हाथ मिलाने पर रहते हो आमादा हर वक्त,अजनबी लोगों से…

जन्म लेती है कविता- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

जन्म लेती है कविता-  सूरज-सा चिरती निगाहेंसंवेदनाओं से भरी दूरदर्शी निगाहेंअहर्निश हर पलघूमती रहती है चारों ओर दृश्यमान जगत केदृश्य-भाव अनेकसुंदर-कुरूप,अच्छे-बुरे,अमीरी-गरीबी, और भी रंग सारे भावों की आत्माशब्दों की देह…

पंछी की पुकार नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

पंछी की पुकार एक दिनसुबह-सुबहडरा-सहमा छटपटाता चिचिआता हुआ एक पंछीखुले आसमान सेमेरे घर के आंगन में आ गिरा मैंने उसे सहलायापुचकारा-बहलायादवाई दी-खाना दियाकुछेक दिन में चंगा हो गया वह आसमान की ओर…

बाँके बिहारी बरबीगहीया – छठ पर्व आधारित कविता

छठ पर्व आधारित कविता शुक्ल पक्ष पष्ठी  तिथि कोकार्तिक मास में आती है ।सूर्य की प्रिय बहन प्रकृति छठी मईया कहलाती है ।सूर्योपासना का महान पर्व मेंछठी माँ दिव्य रूप दिखाती…

अनेकता में एकता कविता- डॉ एन के सेठी

अनेकता में एकता कविता                           (1)हमे वतन  से प्यार है ,भारत  देश  महान।अनेकता में एकता ,  इसकी है…

मोर मया के माटी-राजेश पान्डेय वत्स

मोर मया के माटी छत्तीसगढ़ के माटीअऊ ओकर धुर्रा। तीन करोड़ मनखेसब्बौ ओकर टुरी टुरा।।  धान के बटकी कहाय,छत्तीसगढ़ महतारी। अड़बड़ भाग हमर संगीजन्में येकरेच दुआरी।।  एकर तरपांव धोवय बरआइन…

प्रेम का मर जाना

प्रेम का मर जाना डॉ सुशील शर्मा प्रेम का मरना ही आदमी का मरना हैजब प्रेम मरा था तोबलि प्रथा सती प्रथा उगी थींप्रेम के मरने पर हीधरती की सीमायें…