by कविता बहार | Oct 4, 2021 | हिंदी कविता
प्रकृति बड़ी महान Global-Warming- प्रकृति देती जाती है।हमें बहुत कुछ सीखाती है।अपने स्वार्थ के लिए मत करना,प्रकृति का अपमान।प्रकृति बड़ी महान। एक पल सोचो जरा , जो वृक्ष न रहेंगे।जीवन देते ये हमको, फिर हम क्या करेंगे।वृक्ष लगाकर पृथ्वी को हरा भरा बनाओ,ये हरियाली ही तो... by कविता बहार | Oct 4, 2021 | हिंदी कविता
नन्हे प्रधानमंत्री भूमण्डल पर चमका ऐसा लाल,जिसने देश को किया निहाल,ननिहाल में पला-बढा यह लाल,’नन्हे’ बन गए बड़े विशाल।कद में छोटे, उच्च विचार,शाला जाता नदिया पार।नन्हे ने किया ऐसा कमाल,असहयोग आन्दोलन की ले ली मशाल।गांधीजी का मिला मार्गदर्शन,ढूँढ लिया जीवन... by कविता बहार | Oct 4, 2021 | हिंदी कविता
आश्विन नवरात्र की शुभकामनाओं के साथ माँ शक्ति को प्रसन्न करने हेतु स्वरचित आराधना मां दुर्गा नवरात्र-शक्ति-आराधना (सर्व अमंगल , मंगलकारी ,दुःख-पीड़ा से तारण हारी ।जग-तम में तू ही उजियारी ,जीव कंटको में फुलवारी ।अब तो आजा , हे जग माँ तू ,यह दुनियां तुझ ही को पुकारी... by कविता बहार | Sep 29, 2021 | हिंदी कविता
स्वर्ण की सीढ़ी चढी है – बाबू लाल शर्मा कविता संग्रह चाँदनी उतरी सुनहलीदेख वसुधा जगमगाई।ताकते सपने सितारेअप्सरा मन में लजाई।।शंख फूँका यौवनों मेंमीत ढूँढे कोकिलाएँसागरों में डूबने हितसरित बहती गीत गाएँपोखरों में ज्वार आयाझील बापी... by कविता बहार | Sep 29, 2021 | हिंदी कविता
गुलमोहर है गुनगुुनाता – बाबू लाल शर्मा कविता संग्रह गुलमोहर है गुनगुुनाता,अमलतासी सी गज़ल।रीती रीती सी घटाएँ,पवन की अठखेलियाँ।झूमें डोलें पेड़ सारे,बालियाँ अलबेलियाँ।गीत गाते स्वेद नहाये,काटते हम भी फसल।गुलमोहर है गुनगुनाता,अमलतासी सी गज़ल।बीज अरमानों का बोया,खाद...