गरीबी का दर्द-महेश गुप्ता जौनपुरी

गरीबी का दर्द क्या दर्द देखेगी दुनिया तेरीसुख गया है आंखों के पानीरिमझिम बारिश की फुहार मेंसमेट रखा है आंचल मेंगरीब तेरी कहानी कोउपहास बनायेगी ये दुनियातू कल भी फुटपाथ…

हिमा नजर आ रही है-सुरेन्द्र सैनी

हिमा नजर आ रही है हिम्मत तेरे हौसले मेंहिमा नजर आ रही हैदेश के तिरंगे का क्या खूब मान बढ़ा रही है उड़नपरी बन कर क्या खूब दौड़ लगाईचटा के धूल सबकोगोल्ड…

तू सम्भल जा अब भी वक्त ये तुम्हारा है -बाँके बिहारी बरबीगहीया

तू सम्भल जा अब भी वक्त ये तुम्हारा है तू सम्भल जा अब भी वक्त ये तुम्हारा है समझो इस जीवन को ये तो बहती धारा है। प्यार इजहार के लिए…

रास नहीं क्यों आता है-राजकिशोर धिरही

रास नहीं क्यों आता है शौचालय का अभियान चला,वंचित घर रह जाता है।बाहर जाते बच्चे उनके,रास नहीं क्यों आता है जाति भेद को करते रहते,जलते रहते बढ़ने सेटाँग अड़ाते फिरते…

आसाम प्रदेश पर आधारित दोहे-सुचिता अग्रवाल “सुचिसंदीप”

आसाम प्रदेश पर आधारित दोहे ब्रह्मपुत्र की गोद में,बसा हुआ आसाम। प्रथम किरण रवि की पड़े,वो कामाख्या धाम।।  हरे-हरे बागान से,उन्नति करे प्रदेश। खिला प्रकृति सौंदर्य से,आसामी परिवेश।। धरती शंकरदेव…

प्रीत के रंग में-राजेश पाण्डेय *अब्र*

प्रीत के रंग में गुनगुनाती हैं हवाएँमहमहाती हैं फ़िजाएँझूम उठता है गगन फिरखुश हुई हैं हर दिशाएँ                  प्रीत के रंग में   …

क्या होती है निराशा – धनेश्वर पटेल

क्या होती है निराशा लेती जो छीन जीने की आशापेंचीदा है ,इसकी परिभाषासवालों से घिरे बयां करते चेहरे,बता रहे क्या होती है निराशा।।     खो गई मुस्कान कहीं दूर …

हाँ ये मेरा आँचल-वर्षा जैन “प्रखर

हाँ ये मेरा आँचल आँचल, हाँ ये मेरा आँचलजब ये घूंघट बन जाता सिर परआदर और सम्मान बड़ों काघर की मर्यादा बन जाता है जब साजन खींचें आँचल मेराप्यार, मनुहार…

बेटी हूँ आपकी-भागवत प्रसाद साहू

बेटी हूँ आपकी कोख मे पल रही , शीघ्र जग में आऊ। नन्ही सी परी बन,जन जन को बतलाऊ। हूं बेटी मैं आपकी,दूध का कर्ज चुकाऊ।एक नही दो-दो कुल की,लाज…

गाय गरुवा के हड़ताल

गाय गरुवा के हड़ताल हमरो बनय राशन कारड चारा मिलय सरकारी ।सब्बो योजना ल छोड़ भर पेट मिलय थारी।जब तक पूरा न होवय गरुवा घुरुवा अउ बारी ।गाय गरुवा के…