भारत है आने वाले कल का आगाज़ – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में हमारे महान देश भारत की सांस्कृतिक विशेषताओं की समाहित किया गया है |
भारत है आने वाले कल का आगाज़ – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

कर्म कर ले प्यारे – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचने में कर्म को प्रधानता दी गयी है |
कर्म कर कर्म कर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

हिंदी संग्रह कविता-बलि पथ का इतिहास बनेगा

बलि पथ का इतिहास बनेगा बलि पथ का इतिहास बनेगामर कर जो नक्षत्र हुए हैं उनसे ही आकाश बनेगा। सह न सकें जो भीषणता को, सर पर बाँध कफन निकले थे,देख उन्हें मुस्करा कर जाते, पत्थर भी मानों पिघले थे।इस उत्सर्गमयी स्मिति से ही माँ का मधुर सुहास बनेगा। कायरता ने शीश झुका जब, हार … Read more

रिश्तों का ख़ून – 15 मई विश्व परिवार दिवस विशेष कविता

ख़ून के रिश्ते सम्भालो,
रिश्तों का ना ख़ून करो।।

परिवार – सिर्फ पति-पत्नी और एक-दो बच्चों से ही नहीं बल्कि परिवार पूरा खानदान होता है। हमारे खून के रिश्ते ही मिलकर एक परिवार बनता है – राकेश सक्सेना

15 मई विश्व परिवार दिवस पर लेख

15 मई विश्व परिवार दिवस पर लेख पढ़ने से पहले आप इस विषय पर अब तक कविता बहार में संग्रहित रचनाएँ पढ़िए :-