आर्यन की शायरी
1.हम जमाने से बेहद सताए हुए हैं
मगर अपनी इज्जत बचाए हुए हैं
मार डालेगा दुश्मन जमाना तेरा
इसलिए तुझको दिल में छुपाए हुए हैं
भले जुल्म कर ले ये सारा जमाना
मगर फिर भी हम दिल लगाए हुए हैं
2.
सच बता दो मुझे आप आओगे कब
टूटे रिश्तों को फिर से निभाओगे कब
हैं खयालात दिल में छुपाए बहुत
वो हकीकत कहानी सुनाओगे कब
पूछता हूँ बता दो जरा सच मुझे
फिर से रंगीन रातें मनाओगे कब
3.
मैं सागर की गहराई हूं तुम नहीं किनारा पाओगे
मैं दहकता हुआ अंगारा हूं तुम छूने पर जल जाओगे
मैं हूं अनन्त मैं हूं अथाह है मुझे समझना नामुमकिन
है आसमान मेरा मुकाम तुम कब तक पीछे आओगे
4.
अब ना हमें आजमाना कभी
ना निगाहें किसी से लडाना कभी
तेरे होंठो से शबनम की आहट मिले
ऐसी रश्क़ ए कमर ना हिलाना कभी
अपने नाजुक बदन को संभालो जरा
मुझ कमीनों से दिल ना लगाना कभी
5.
ये ना पूछो कि अब हम किधर जाएंगे
छोड़ देंगे नवाबी सुधर जाएंगे
इस जमाने में इज्जत गवाई अगर
जिंदा रहते हुए भी बिखर जाएंगे
मैं रहूं ना रहूं पर कसम है मुझे
कि अमर नाम दुनिया में कर जाएंगे
6.
है सौगंध मुझको झुकूंगा नहीं
अपने कर्तव्य पथ पर रुकूँगा नहीं
गर मुकम्मल मेरा दूर मुझसे हुआ
माफ खुद को कभी कर सकूंगा नहीं
जब तक मंजिल ना पा लूंगा एक जिंदगी
है कसम कि मैं तब तक थकूंगा नहीं
7.
इश्क़ के ख्वाब अब ना सजाया करो
झूठी तारीफ अब ना सुनाया करो
जिनके सपनों में झूठे सजीदे हुए
उनको हृदय से अब ना लगाया करो
रह गई वो मचलती जवानी कहाँ
अब मोहब्बत की गजलें ना गाया करो
8.
कभी मशहूर मेरी जवानी रही
प्यार में डूबती वो कहानी रही
आज बेशक है तन्हा मेरी जिंदगी
पर कभी इश्क़ की एक निशानी रही
आ गया अब बुढ़ापा तो क्या हो गया
कभी लैला भी मेरी दिवानी रही
9.
मैं जंग हूं मैं जीत हूं
बहता हुआ एक गीत हूं
मैं राग हूँ अनुराग हूं
अनुरक्त व वैराग्य हूं
मैं आन हूं मैं शान हूं
इस देश का अभिमान हूं
हिन्दुत्व का हूं अंश मैं
और कृष्ण की संतान हूं
10.
संघर्ष थम गया है बस मुकाम बाकी है
इतिहास के पन्नों पर अभी नाम बाकी है
मनाएंगे जश्न मुकम्मल ए फतह का…
मगर अभी रुक जाओ “
और थोड़ा सा काम बाकी है !
आर्यपुत्र आर्यन सिंह यादव