Author: कविता बहार

  • यार तेरी कसम-गज़ल

    यार तेरी कसम-गज़ल

    रूठ जाऊँ कभी तो मनाना मुझे।
    कर ये वादा कभी मत सताना मुझे।।

    गर कहीं भूल जाऊँ ये राहे वफ़ा,
    *यार तेरी कसम* मत भुलाना मुझे।

    जिंदगी की डगर में बड़ी मुश्किलें,
    थाम दामन मेरा तू चलाना मुझे।

    आदमी तो है जिन्दा ख़ुशी के लिए,
    गम अगर आ भी जाये हँसाना मुझे।

    इस कदर यार *बोधन* सताना नहीं,
    दिल चुराना कभी आजमाना मुझे।
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    गज़लकार:-
    बोधन राम निषादराज”विनायक”
    सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)

    All Rights Reserved@bodhanramnishad

  • आह्वान पर कविता -डाक्टर को सारी बात बताये

    आह्वान पर कविता

    जब भी होवे वाइरस संक्रमण,सर्दी-जुकाम से पिड़ित तन !
    सांस लेने में होय परेशानी, सहज बात न समझे हम !!
    कफ खांसी की जांच कराये, डाक्टर को सारी बात बताये !
    संकोच घबराने की बात नहीं, सावधानी की राह अपनाये !!
    खांसते झिकते रूमाल लगाये, टिसु पेपर मास्क अपनाये !
    निज करे पालन सबको कराये,रोग न फैले सबको बताये !!
    सावधानी से जीवन सुखमम रहे, निरोगी काया हरपल रहे !
    दास दूजराम के अरज भाई, निज अमल करे औरो को कहे !!

    दूजराम साहू
    निवास भरदाकला
    तहसील खैरागढ़
    जिला राजनांदगाँव (छ ग)

  • नेक काम पर कविता

    नेक काम पर कविता

    आये हो संसार मे, नेक काम कर जाय।
    विपदा आफत टाल कर,सब की करे सहाय।
    सब की करे सहाय,प्रभु ने लायक बनाया।
    मेहर उस की होय,खुशिया जी भर लुटाया।
    कहै मदन कर जोर, यही से सब कुछ पाये।
    दाता को लौटाय, नाम करने तुम आये।।

    मदन सिंह शेखावत ढोढसर

  • धर्मांधता पर कविता

    धर्मांधता पर कविता

    जब भी
    बंटा है वतन
    तब-तब
    बंटवारे के लिए
    उत्तरदायी रही है
    धर्मांधता
    यह चलती है
    राजनीतिक इशारों पर
    जो आज भी है
    पूरे यौवन पर
    जाने और कितने
    टुकड़े करना चाहते हैं
    धर्मांध लोग
    इस वतन के
    नहीं लेते सबक
    ऐतिहासिक भूलों से
    और कर रहे हैं निर्माण
    अराजक वातावरण का

    -विनोद सिल्ला©

  • सरस्वती माँ पर कविता-बाबू लाल शर्मा बौहरा

    सरस्वती माँ पर कविता

    माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami
    माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami

    शारदे आप ही आओ।
    कंठ मेरे तुम्ही गाओ।
    शान बेटी सयानी के।
    बात किस्से गुमानी के।

    धाय पन्ना बनी माता।
    मान मेवाड है पाता।
    पद्मिनी की कहानी है।
    साहसी जो रुहानी है।

    बात झाँसी महारानी।
    शीश हाड़ी दिए मानी।
    वीर ले जा निशानी है।
    बात सारी सिखानी है।

    बेटियों को बचानी है।
    शान शिक्षा दिलानी है।
    कर्म कर्त्तव्य भी जानें।
    वक्त की माँग को मानें।

    शान मानें तिरंगा की।
    बेटियाँ, आन गंगा की।
    गीत गाओ सुनाओ तो।
    चंग साथी बजाओ तो।

    देश के गीत गाने हैं।
    भारती के तराने हैं।
    भाव सद्भाव वे सच्चे।
    पालने प्रेम से बच्चे।

    सैनिकों के हितैषी हों।
    बेटियाँ मान पोषी हो।
    नागरी मान हिंदी का।
    भारती भाल बिंदी का।

    हिंद के गीत गाऐं जो।
    शत्रु के शीश लाऐं जो।
    वीर जन्में शिवा जैसे।
    पूत पालें सुता ऐसे।

    छंद गाएँ जवानों के।
    अन्नदाता किसानों के।
    बेटियों वीरता गाओ।
    राष्ट्र में धीरता लाओ।

    देश की शान बेटी हो।
    राष्ट्र का मान बेटी हो।
    सृष्टि का सार बेटी हो।
    ईश आभार बेटी हो।

    • बाबू लाल शर्मा, बौहरा
      सिकंदरा ३०३३२६
      दौसा राजस्थान,9782924479