सेवा पर कविता

सेवा पर कविता - मानक छत्तीसगढ़िया HINDI KAVITA || हिंदी कविता ठंडी में गरीब को कपड़े दे दो,गर्मी में प्यासे को पानी।हर मौसम असहाय की सेवा,ऐसे बीते जवानी।। अशिक्षित को…

दीपक पर कविता

नव्य आशा के दीप जले - मधु सिंघी नव्य आशा के दीप जले,उत्साह रूपी सुमन खिले।कौतुहल नवनीत जगाकर,नया साल लो फिर आया। मन के भेद मिटा करके,नयी उम्मीद जगा करके।संग…
shri Krishna

श्याम छलबलिया – केवरा यदु

श्याम छलबलिया - केवरा यदु Shri Krishna श्याम छलबलिया कइसे भेज दिहे व पाती।तुम्हरे दरस बर तरसथे मोर आँखी।तुम्हरे दरस बर तरसथे मोर आँखी।।कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे कान्हा…

भ्रूण हत्या पर कविता

भ्रूण हत्या पर कविता भ्रूण हत्या का मचा एक नीरव रोर है,चोरी छिपे लिंग जाँच हर दिशा हर ओर है।जाने क्यों बेटी की हत्या का शौक ये चढ़ आया,गर्भ में…

जब लेखनी मुँह खोलती है

जब लेखनी मुँह खोलती है जिंदगी में कुछ अपनो के किस्से खास होते हैंछलते हैं वे ही हमें जो दिल के पास होते हैं।वंचना भी करते हैंफिर भी खुशी की…

सायली छंद में रचना

सायली छंद में रचना चेहरादेख सकूँनसीब में कहाँबिटिया दूरबसेरा। अहसासबस तुम्हारापल-पल यादसताती रहीआज। यादआते रहेवो पल हरदमजो सुनहरेबीते। तेरीनटखट शैतानियाँमहकता रहता था।घर आँगनमेरा। अर्चना पाठक (निरंतर)अम्बिकापुर

माता शारदे वंदन

माता शारदे वंदन करूँ -भुवन बिष्ट माता शारदे वंदन करूँ।                     मिले अब वरदान।।वाणी में विराजती माता।                       सदा देना ज्ञान।।आलोकित हो हर पथ मेरा।                       लेखनी पहचान।।होवे विनती यह बार बार।                      माता…

जब होगा महक मिलन

जब होगा महक मिलन मिला किताब में सूखा गलाब,देख फिर  ताजगी सी आई। याद आ गया वो सारा मंजरफिर खुद से खुद ही शरमाई। वो हसीन पल थे खुशियों भरासाज…
village based Poem

आना कभी गाँव में – बलवंत सिंह हाड़ा

ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। प्रायः गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत…

गरीबी पर कविता

नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को कविता संग्रह नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को सभी अब तो।भुलाकर के दया ममता सधा स्वारथ रहे अब तो। अहं में फूल कर चलता…