Author: कविता बहार

  • महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    jesus
    यीशु

    जब जब धरा पर होती है अत्याचार।
    तब तब प्रभु लेते हैं धरा पर अवतार।।

    मानवता जब होने लगी धरा पर।
    जब धरती होने लगी थी , शर्म सार

    मानव मानवता भुलकर,करने लगे अत्याचार ।
    गरीब अमीर में भेदकर,दीनन पर किया प्रहार।।

    पच्चीस दिसंबर कोमहामानव
    यीशु मसीह लिया अवतार।।
    दीन हीन को साध ले, मानवता पाठ पढ़ाया।
    ईश कृपा सब सृष्टि है
    दया प्रेम को जगाया।।

    जो कुछ है सब ईश का
    ना काहु का कुछ आय।
    सत्य दया प्रेम अहिंसा
    प्रभू ईशा मसीह बतलाय।।

    पच्चीस दिसंबर अवतरण दिवस,
    दीनन दिये चितलाय।
    मानवता के पाठ को,ईश प्रभु बतलाय।।

    सेवा समर्पण भाव से,सबका
    कीजिए सम्मान।
    विश्व जगत में छा गया, प्रभु यीशु का नाम।।

    महामानव होता है, मानवता की पहचान।
    जाति धर्म से ऊपर, उठकर करते हैं वो काम।।

    ना जाति किसी का,ना धर्म किसी का नाम।
    मानव का धर्म यही, मानवता का पहचान।।

    भेद भाव छुआछूत,का किया
    यीशु तिरस्कार।।
    पच्चीस दिसंबर को अवतण दिवस,
    ईसाईयों का त्योहार।।

    सत्य दया प्रेम अहिंसा सत्संग और अनुराग।
    ईश कृपा से सृष्टि रचना है, यीशु मसीह का ज्ञान।।

    रचनाकार

    डॉ विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ रायपुर आरंग अमोदी

  • सात्विक आहार औषधि/डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    सात्विक आहार औषधि/डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    Vegetable Vegan Fruit

    सात्विक आहार औषधि

    डुबती स्वासा संभाल कर
    नब्ज गिरत संभाल।
    तुलसी लौंग के गुण अति
    रसायन बटी का मान।

    मेल मिलाप मकरध्वज
    वृहद् चिंतामणि डार।
    लकवा वात की सही दवा
    वैद्य विजय का मान।।।

    करू करेला खाइये ,संग जामुन कसैला डार।
    शक्कर रोग की दवा,
    सत्य सनातन परमान।।

    जीरा धनिया सोंठ को
    देहु सज्जन पिसाय।
    सोना मख्खी मिलाकर
    तुरंत गैस देहु भगाय।।

    खाली पेट खाइये, नींबु पत्ता पांच।
    गैस रोग दुर भगय,न आये कुछ आंच।।

    सात्विक आहार औषधि,
    सुन लो संत सुजान।
    कवि विजय लिख दिया
    घर औषधि प्रमाण।।

    मांस मदिरा से बढ़त है
    शुगर बी,पी जान।
    अकाट्य वचन कवि का
    सत्य प्रमाण जान।।

    डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

    सात्विक आहार औषधि/डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    सात्विक भोजन का गुण

    सात्विक भोजन करके,सदा बने गुणवान।
    शाक सब्जी फल से,सदा रहे बलवान।।
    सदा रहे बलवान,माने संत विचार।
    मिट जायेगा सदा,मन का हर‌ विकार।
    कुपथ आहार तजे,बने रहे सदा आस्तिक।
    करके आहार सद, खाद्य रहें
    जब सात्विक ।।

    सात्विकता प्रमाण है,रखें सदा निरोग ।
    काम, क्रोध, मद,लोभ ना
    खुश रहत सब लोग।

    खुश रहते सब लोग,
    कहें कवि विजय का लेख।
    बी,पी,-शुगर न होय
    कभी सद्भ भोजन का रेख।

    औषधि गुण भंडार,हरा भरा की वास्तविकता।
    मिट जाये सारी रोग, महत्वपूर्ण सात्विकता।।

    पालक लाल भाजी में
    आयरन का है गुण।
    लाल खुन कण बढ़ेय
    ध्यान लगाकर सुन।।

    ध्यान लगाकर सुन
    कहे कवि विजय का लेख।
    हरा भरा सब्जी पर
    है पोषक तत्व का रेख।।
    खाइयें खिलायें,बनाये बल बालक,
    विटामिन का भंडार, भांजी लाल पालक।

    डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग छत्तीसगढ़ रायपुर

  • शाकाहार भोजन के महत्वपूर्ण तथ्य

    शाकाहार भोजन के महत्वपूर्ण तथ्य

    शाकाहार भोजन सिर्फ पौधों से प्राप्त यानी प्राकृतिक रूप से मिलने वाले खाद्य उत्पाद होते हैं।

    शाकाहारी आहार में खाने वाले खाद्य पदार्थ

    शाकाहारी भोजन में पौधों से मिलने वाले सभी खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, नट्स, फलियां, फल और सब्जियां शामिल होती हैं।

    शाकाहारी आहार में न खाने वाले खाद्य पदार्थ

    शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोग जानवरों से प्राप्त भोजन नहीं खाते हैं। शाकाहारी भोजन का पालन करने वाले लोग जानवरों का मांस, जानवरों के उप-उत्पाद या किसी भी पशु सामग्री वाले भोजन को खाने से बचते हैं, जिनमें निम्नलिखित चीज़ शामिल हो सकते हैं:

    Vegetable Vegan Fruit
    • मांस और मुर्गी पालन
    • मछली और समुद्री भोजन
    • दूध से बने उत्पाद
    • अंडे
    • शहद वाले उत्पाद
    • पशु-आधारित सामग्री

    शाकाहारी लोग ऐसे किसी भी उत्पाद से बचने की कोशिश करते हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जानवरों से बना हो जैसे रेशम, ऊन और चमड़ा। शाकाहारी भोजन, कपड़े और अन्य उद्देश्यों के लिए जानवरों के प्रति क्रूरता को रोकने का एक तरीका है। 

    शाकाहारी भोजन : महंगा या सस्ता

    शाकाहारी भोजन ज़्यादा महंगा नहीं होता, जिससे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। खासतौर से भारत जैसे देश में सब्जियां सबसे ज़्यादा हैं, जो सबसे सस्ती सामग्री हैं। अगर आप मांसाहारी हैं, तो सभी मांसाहार को छोड़ना आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है।

    शाकाहारी भोजन में पोषण

    अगर शाकाहारी लोग अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ नहीं खा रहे हैं, तो उनमें कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी विकसित हो सकती है। कुछ पोषक तत्वों को डेयरी उत्पादों और अंडों से से बदलने की ज़रूरत होती है, जैसे-

    कैल्शियम- दूध कैल्शियम का मुख्य स्रोत है, लेकिन शाकाहारी लोगों के लिए इसे सोया दूध, फोर्टिफाइड संतरे का रस, ब्रोकली, केल और बादाम से बदला जा सकता है।

    ओमेगा -3 फैटी एसिड- अलसी, वनस्पति तेल शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा -3 का एक अच्छा स्रोत है।

    विटामिन बी12- यह पोषक तत्व पौधों से प्राप्त करना मुश्किल है। ऐसे में भोजन से नहीं मिलने वाले पोषक तत्वों की भरपाई के लिए शाकाहारी लोगों को पूरक (सप्लीमेंट) लेने की ज़रूरत होती है।

    एक शाकाहारी व्यक्ति को शरीर के सभी कार्य के लिए पर्याप्त प्रोटीन, कैल्शियम, ओमेगा -3 फैटी एसिड, जिंक और विटामिन बी 12 मिलना चाहिए। यह सभी आपके शरीर में सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शक्ति प्रदान करने के लिए ज़रूरी है।

  • क्रिकेट बस क्रिकेट है जीवन नहीं

    क्रिकेट बस क्रिकेट है जीवन नहीं

    क्रिकेट जीवन नहीं हो सकता
    क्रिकेट भारतियों की
    रूह में समाया है
    उसने कब्जाया है
    हमारी भावनाओं को
    क्रिकेट बन गया है धर्म
    जो नहीं होना चाहिए।

    हम पूजते हैं क्रिकेट
    और उसके खिलाडियों को
    लुटा देते हैं अपना सबकुछ
    बना देते हैं उनको भगवान
    ऑस्टेलिया ,इंग्लैंड ,न्यूजीलैंड
    क्यों है क्रिकेट में सबसे ऊपर
    क्योंकि इनके लिए क्रिकेट
    बस एक खेल है
    धर्म नहीं
    ना ही ये अपने खिलाडियों को
    भगवान मानते हैं
    ये नहीं सोचते कि
    हम खेल में हारेंगे या जीतेंगे
    ये नहीं सोचते कि क्रिकेट मैच हारने
    पर दुनिया खत्म हो जाएगी।
    इनके देश में विश्वकप में हार में
    नहीं मनाया जाता है राष्ट्रीय शोक
    न ही जीत में ये पागल होते हैं।
    इनके देश में न ही कोई
    क्रिकेट का भगवान है
    न कोई मास्टर ब्लास्टर
    न कोई किंग है।
    इस लिए ये जीतते हैं
    बार बार विश्व कप
    ट्राफी को रखते हैं
    अपने पैरों के नीचे।

    एथलेटिक्स ,हॉकी ,
    भाला फेंक ,मुक्केबाजी
    सब में हम हारते हैं
    लेकिन मन सिर्फ
    क्रिकेट की हार से दुखता है
    भारत अगर तुम्हें जीतना है
    क्रिकेट में विश्वकप
    तो क्रिकेट को क्रिकेट की तरह खेलो
    मत जोड़ो उसे अपनी आत्मा से
    न ही किसी खिलाडी को दो
    भगवान का दर्जा
    क्रिकेट बस क्रिकेट है
    जीवन नहीं।

    सुशील शर्मा

  • सेना दिवस पर हिंदी कविता

    सेना दिवस पर हिंदी कविता

    भारतीय सैनिकों का दर्द हम कम से कम अपने दिल में उतार कर देश की सेना को सम्मान के नजरिए से देखें तो यह भी एक बड़ी देशभक्ति होगी। सीमा पर तैनात एक जवान का दर्द इस कविता में शामिल किया गया है।

    Republic day

    सैनिकों पर कविता

    सर पे कफ़न बाँधे, हाथ में बंदूक ताने।
    बढ़ते वीर सैनिक,आतंक को मारने।

    भगत भी कहते थे,शेखर भी कहते थे।
    दुश्मनों का सारा नशा, लगे है उतारने।

    धरती भी कहती हैं, गगन भी कहता हैं।
    अब तो हवा चली है,लगी है पुकारने।

    देश के सीमा में डटे,मेरे वीर जवानों ने।
    पल पल बढ़े आगे,पापी को संहारने।

    • डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”

    सैनिको पर कविता

    बलिदानी पोशाक है, सैन्य पुलिस परिधान।
    खाकी वर्दी मातृ भू, नमन शहादत मान।।

    खाकी वर्दी गर्व से, रखना स्व अभिमान।
    रक्षण गुरुतर भार है, तुमसे देश महान।।

    सत्ता शासन स्थिर नहीं, स्थिर सैनिक शान।
    देश विकासी स्तंभ है, सेना पुलिस समान।।

    देश धरा अरु धर्म हित, मरते वीर सपूत।
    मातृभूमि मर्याद पर , आजादी के दूत।।

    आदि काल से हो रहे, ऐसे नित बलिदान।
    वीर शहीदों को करें,नमन सहित अभिमान।।

    आते गिननें में नहीं, इतने हैं शुभ नाम।
    कण कण में बलिदान की,गाथा करूँ प्रणाम।।

    आजादी हित पूत जो, किए शीश का दान।
    मात भारती,हम हँसे, उनके बल बलिदान।।

    गर्व करें उन पर वतन, जो होते कुर्बान।
    नेह सपूते भारती, माँ रखती अरमान।।

    अपना भारत हो अमर, अटल तिरंगा मान।
    संविधान की भावना, राष्ट्र गान सम्मान।।

    सैनिक भारत देश के, साहस रखे अकूत।
    कहते हम जाँबाज हैं, सच्चे वीर सपूत।।

    रक्षित मेरा देश है, बलबूते जाँबाज।
    लोकतंत्र सिरमौर है, बने विश्व सरताज।।

    विविध मिले हो एकता, इन्द्रधनुष सतरंग।
    ऐसे अनुपम देश के, सभी सुहावन अंग।।

    जय जवान की वीरता,धीरज वीर किसान।
    सदा सपूती भारती, आज विश्व पहचान।।

    संविधान सिरमौर है, संसद हाथ हजार।
    मात भारती के चरण ,सागर रहा पखार।।

    मेरे प्यारे देश के, रक्षक धन्य सपूत।
    करे चौकसी रात दिन, मात भारती पूत।।

    रीत प्रीत सम्मान की, बलिदानी सौगात।
    निपजे सदा सपूत ही, धरा भारती मात।।

    वेदों में विज्ञान है, कण कण में भगवान।
    सैनिक और किसान से, मेरा देश महान।।

    आजादी गणतंत्र की, बनी रहे सिरमौर।
    लोकतंत्र फूले फले, हो विकास चहुँ ओर।।

    मेरे अपने देश हित, रहना मेरा मान।
    जीवन अर्पण देश को, यही सपूती आन।।

    रक्षण सीमा पर करे, सैन्य सिपाही वीर।
    शान्ति व्यवस्था में पुलिस,रहे संग मतिधीर।।

    सोते पैर पसार हम, शीत ताप में सैन्य।
    कर्मशील को धन्य हैं, हम क्यों बनते दैन्य।।

    सौदा अपने शीश का, करता वीर शहीद।
    मूल्य तिरंगा हो कफन, है आदर्श हमीद।।

    हिम घाटी मरुथल तपे, पर्वत शिखर सदैव।
    संत तुल्य सैनिक रहे, गिरि कैलासी शैव।।

    रक्षक हिन्दी हिन्द के, तुम्हे नमन शत बार।
    खाकी वर्दी आपको ,पुण्य हृदय आभार।।

    शर्मा बाबू लाल अब, दोहा लिख पच्चीस।
    सैनिक वीर जवान हित, नित्य नवाए शीश।।

    • बाबू लाल शर्मा बौहरा

    युद्ध में जख्मी सैनिक साथी से कहता है

    युद्ध में जख्मी सैनिक साथी से कहता है:  
    ‘साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;  
    यदि हाल मेरी माता पूछे तो, जलता दीप बुझा देना!  
    इतने पर भी न समझे तो दो आंसू तुम छलका देना!!  
    यदि हाल मेरी बहना पूछे तो, सूनी कलाई दिखला देना!  
    इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ दिखा देना !!  
    यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो, मस्तक तुम झुका लेना!  
    इतने पर भी न  समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना!!  
    यदि हाल मेरे पापा पूछे तो, हाथों को सहला देना!  
    इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना!! 
    यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो, सर उसका सहला देना!  
    इतने पर भी न समझे तो, सीने से उसको लगा लेना!!  
    यदि हाल मेरा भाई पूछे तो, खाली राह दिखा देना!  
    इतने पर भी न समझे तो, सैनिक धर्म बता देना!!