पैसों के आगे सब पराया

मुश्किल समय में नहीं आता है; अपने ही अपनो के काम होगा। आगे चलकर भुगतना पड़ता है; ऊँचे से ऊँचे मोल का दाम होगा।1। मोल पैसों का नहीं संस्कार का…

जिम्मेदारी पर कविता

कविता-जिम्मेदारियां जिम्मेदारियां एक बोझ है ढोने वाले पर लद जाते हैं, ना ढोने वाले को नासमझ/ नालायक/ आवारा लोग कह जाते हैं, जिम्मेदारियां, जीवन का एक पहलू है बिना जिम्मेदारी…

वक्त पर कविता

वक्त पर कविता पलटी खाता वक्त बेवक्त, मुंह बिचका के चिढ़ाता है। किया धरा पानी फिराता, वक्त ओंधे मुंह गिराता है।। सगा नहीं किसी का वक्त, हर वक्त चलता रहता…

चली चली रे रेलगाड़ी

चली चली रे रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक झटपट बना ली गाड़ी चली चली रे देखो चली रेलगाड़ी रेलगाड़ी देखो बच्चों की निकली सवारी देखो बच्चों…

दिल का पैगाम

दिल का पैगाम भेज रहा हूँ पैगाम तुझको आँखें मिलाकर आँखों से चेहरा पढ़कर महसूस कर ले जो समझा न सके अपनी बातों से ना समझना इसे कोरा कागज ना…

एक मुस्कान

एक मुस्कान मनुजता शूचिता शुभता,खुशियों की पहचान होती है। जहाँ बिटिया के मुखड़े पर,धवल मुस्कान होती है। इसी बिटिया से ही खुशियाँ,सतत उत्थान होती है। जहाँ बिटिया के मुखड़े,पर धवल…

लक्ष्य पर कविता

लक्ष्य पर कविता लक्ष्य बना लो जीवन का तुम फिर सपने बुनना सीखो छोड़ सहारा और किसी का खुद पथ पर चलना सीखो लक्ष्य नहीं फिर जीवन कैसा? व्यर्थ यहां…

महिमा वीर नारायण के

महिमा वीर नारायण के महिमा वीर नारायण के ये,जे भुइँया म भारी जी। सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी। जन-जन के हितवा बनके,जे बेटा बिताईन जी। धन के लोभी…

अपना-अपना एक सितारा- उपमेंद्र सक्सेना

अपना-अपना एक सितारा इतने तारे आसमान में, उनका क्यों संज्ञान करें अपना-अपना एक सितारा, उसका ही सब ध्यान करें। दुनिया के सब काम आजकल, मतलब से ही चलते हैंभोले -भालों…