मन पर कविता
मन पर कविता सोचा कुछहो जाता कुछ हैमन के ही सब सोचमन को बांध सका न कोईमन खोजे सब कोय।।⭕हल्के मन से काम करो तोसफल रहे वो कामबाधा अगर कोई आ जायेबाधित हो हर काम।।⭕मन गिरे तन मुरझायेवैद्य काम नही…
मन पर कविता सोचा कुछहो जाता कुछ हैमन के ही सब सोचमन को बांध सका न कोईमन खोजे सब कोय।।⭕हल्के मन से काम करो तोसफल रहे वो कामबाधा अगर कोई आ जायेबाधित हो हर काम।।⭕मन गिरे तन मुरझायेवैद्य काम नही…
तोता पर कविता ना पंख है ना पिंजरे में कैद,फिर भी है तोता ।खाता है पीता है,रहता है स्वतंत्र,हमेशा एक गीत है गाता नेता जी की जय हो। कर लिया बसेराबगल की कुर्सी पर,खाने को जो है मिलतामुफ्त का भोजन,टूट…
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा Post Views: 53
संतोषी है मधुशाला संतोषी अँगूर लता है,संतोषी साकी बाला।संतोषी पीने वाला हैसंतोषी है मधुशाला।बस्ती -बस्ती चौराहे पर,अपनी दुकान खोलने वाले। विज्ञापन के राम भरोसे,अपनी दुकान चलाने वाले।जंगल उपवन बाग बगीचे,संतोष दिखाई देता है।डगर अकेली सन्नाटे मे,भीड़ जुटाती मधुशाला। संतोष समाई …
द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे पासे फेंके कपट केशकुनि रहा हर्षायदाव द्रोपदी लग गईरहे पाण्डव शर्माय सभा मध्य में द्रोपदीकरती करुण पुकारचीर दुशासन खींचतानहीं बचावन हार भीष्म बली कुरुराज ने साध लिया है मौनपांचों पति बोले नहींबचा सके अब कौन…