दरिद्र कौन / पद्ममुख पंडा

दरिद्र कौन / पद्ममुख पंडा

“दरिद्र कौन” कविता, कवि पद्ममुख पंडा द्वारा रचित है। यह कविता उन लोगों पर आधारित है जो वास्तविक दरिद्रता (गरीबी) और स्वाभिमान को पहचानते हैं। इसमें कवि यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि दरिद्रता केवल धन की कमी नहीं होती, बल्कि नैतिक मूल्यों, दया और संवेदना की कमी भी दरिद्रता का रूप होती … Read more

मनीभाई के दोहे ( Manibhai ke Dohe)

doha sangrah

मनीभाई के दोहे (1) जंगल मंदिर बन गये , शहर हुए अब खेत।मानव के करतूत से , हो गये पशु निश्चेत।। (2) मानव तेरी भूख ही , मांस नोच के खाय।है तू हिंसक पशु बड़ा, देखत सब थर्राय। (3) मानव रक्षक है प्रकृति ,मानव बन शैतान ।छोटे से सुख के लिए,काटत मुर्गा श्वान।। (4) प्रीत … Read more

कृष्ण पर आधारित कविता -मनीभाई नवरत्न

shri Krishna

कृष्ण पर आधारित कविता -मनीभाई नवरत्न हे कृष्ण !आप सर्वत्र।फिर भी खोजता हूँ;अगर कहूं आप पूर्ण हो ।तो सत्य भी हो जायेगा असत्य।चूंकि मैं अपूर्ण जो ठहरा । हे द्वारकाधीश !संसार रूपी कुरुक्षेत्र के नायक !संघर्ष में जन्मे ,खतरों में पलेतथापि बाल लीलाएँ,बताती जीवन के मायने।पर्वत उठाना,कालिया मर्दनकंस रूपी काल को पछाड़नाउसी की नगरी में … Read more

सिरपुर की कविता

सिरपुर की कविता

27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। विद्यालय में इस दिन पर्यटन का महत्व बताते हुए प्रान्त तथा देश के पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी करानी चाहिए। पर्यटन के विभिन्न साधनों से अवगत कराते हुए सड़क मार्ग तथा रेलमार्गों के नक्शे लगाकर महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुँचने का मार्ग तथा समय, व्यय आदि भी … Read more

चलो हिंदी को दिलाएं उसका सम्मान(CHALO HINDI KO DILAYE USKA SAMMAN)

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद 343 के अन्तर्गत राजभाषा के सम्बन्ध में तीन मुख्य बातें थी- संघ की राजभाषा हिन्दी … Read more