भोजन खाओ शाकाहार/ दिव्यांजली वर्मा

भोजन खाओ शाकाहार/ दिव्यांजली वर्मा

आज शनि है कल इतवार,
भोजन खाओ शाकाहार।
दाल रोटी सब्जी आचार,
मम्मी दो मुझे सम्पूर्ण आहार।।

गाजर मूली मैं खाऊंगा,
ताकतवर बन जाऊंगा।
बंद करो अब अत्याचार,
भोजन खाओ शाकाहार।।

हरी सब्जी में आयरन खूब,
पीली दाल प्रोटीन का भंडार।।
चावल से कार्बोहाइड्रेट मिले,
गेहूं है ऊर्जा का भंडार।।

आज शनि है कल इतवार,
भोजन खाओ शाकाहार।
कभी नही कमजोरी होगी,
न तुम होगे कभी बीमार।।

कभी कभी करो फलाहार,
खाओ सेब, अंगूर, अनार।।
डॉक्टर को कर दो बाय बाय,
अनार शरीर में खून बढ़ाए।।


दिव्यांजली वर्मा
अयोध्या उत्तर प्रदेश

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।