Category दिन विशेष कविता

अच्छे गुरु की पहचान हो -डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

गुरू ने ज्ञान का दीप जलाया -सुन्दर लाल डडसेना मधुर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

शिक्षक दिवस पर कविता

शिक्षक दिवस पर कविता शिक्षक से है ज्ञान प्रकाश ।शिक्षक  से बंधती है आस।शिक्षक में करुणा का वास।जिनके कृपा से चमके अपना ताज।चलो मनाएं , शिक्षक दिवस आज। शिक्षक दिलाते हैं पहचान ।शिक्षक से ही बनते  महान ।शिक्षक होते गुणों…

9 नवम्बर राष्ट्रीय क़ानूनी साक्षरता दिवस पर कविता

9 नवम्बर राष्ट्रीय क़ानूनी साक्षरता दिवस अन्याय जब हद से बढ़ जाए ,बेईमानी सर पे चढ़ जाए ।समाज में निज मान पाने कोजो अपने हक पे लड़ जाए ।आज है जिसकी आवश्यकता ,वो है, वो है कानूनी साक्षरता ।।न्याय सभी…

माँ गंगा का अवतरण दिवस

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ गंगा का अवतरण…

17 मई विश्व दूरसंचार दिवस के अवसर पर एक कविता

विश्व दूरसंचार दिवस १७ मई को मनाया जाता है। यह दिन 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की स्मृति में विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में जाना जाता था। वर्ष1973 में मैलेगा-टोर्रीमोलिनोन्स में एक सम्मेलन के दौरान इसे घोषित किया गया।…

निशा गई दे करके ज्योति

निशा गई दे करके ज्योति निशा गई दे करके ज्योति,नये दिवस की नयी हलचल!उठ जा साथी नींद छोड़कर,बीत न जाये ये जगमग पल!!भोर-किरन की हवा है चलती,स्वस्थ रहे हाथ  और  पैर!!लाख रूपये की दवा एक हीसुबह शाम की मीठी सैर!!अधरों…

beti

बलात्कार पर आक्रोश कविता

बलात्कार पर आक्रोश कविता तीन बरस की गुड़िया तिल तिल मरके आखिर चली गयी,आज अली के गढ़ में बिटिया राम कृष्ण की छली गयी,नन्हे नन्हे पंख उखाड़े, मज़हब के मक्कारों ने,देखो कैसे ईद मनाई,दो दो रोज़ेदारों ने, कोमल अंग काट…

कौन समय को रख सकता है

कौन समय को रख सकता है कौन समय को रख सकता है, अपनी मुट्ठी में कर बंद।समय-धार नित बहती रहती, कभी न ये पड़ती है मंद।।साथ समय के चलना सीखें, मिला सभी से अपना हाथ।ढल जातें जो समय देख के,…

हिन्दू नववर्ष ( चैत्र नवरात्र ) पर कविता

चैत्र हिंदू पंचांग का पहला मास है। इसी महीने से भारतीय नववर्ष आरम्भ होता है। हिंदू वर्ष का पहला मास होने के कारण चैत्र की बहुत ही अधिक महता है। अनेक पर्व इस मास में मनाये जाते हैं। चैत्र मास…