मैं कौन? मनीभाई नवरत्न
“मैं कौन?” मनी, तू पल-पल मरता है, इसीलिए तू कभी पूरी तरह मरता नहीं। पूरी तरह जीता नहीं। हर इच्छा, हर डर, हर उम्मीद — तेरी दीवारों पर नई दरारें छोड़ जाते हैं। तू भोग रहा है — क्योंकि तू…
“मैं कौन?” मनी, तू पल-पल मरता है, इसीलिए तू कभी पूरी तरह मरता नहीं। पूरी तरह जीता नहीं। हर इच्छा, हर डर, हर उम्मीद — तेरी दीवारों पर नई दरारें छोड़ जाते हैं। तू भोग रहा है — क्योंकि तू…
दीपोत्सव का आत्मप्रकाश(एक आध्यात्मिक कविता) हर वर्ष आता दीप पर्व, लाता रोशनी का संदेश,पर क्या जलाया अंतर्मन, या फिर दीप विशेष?भीतर झांको, पूछो खुद से, क्या बढ़ा है ज्ञान?या अब भी छाया है भीतर, अज्ञान का संधान? निरंतर आत्म-मूल्यांकन, यही…
ब्रह्मचर्य का सत्य ब्रह्मचर्य कोई व्रत नहीं, न ही वस्त्र का नाम,यह तो है आत्मा की भाषा, अंतर का काम।निरंतर ध्यान की धारा, ना केवल संयम का रूप,यह तो है चेतना की चोटी, जहां मिले अनूप। कामनाओं के जाल में,…
स्वप्नों के पार सपनों की इस बगिया में, छिपा है एक रहस्य,नयन मूँदते ही खुलता, अंतरतम का दर्पण विशेष्य।जहाँ न कोई सीमा होती, न बंधन का नाम,केवल भाव बहते रहते, अंतर्मन की ध्वनि संग्राम।। चेतन की सीमाओं से, जब मन…
मातृभाषा बनाम माध्यम में शिक्षा का असली उद्देश्य क्या है? क्या अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना ही शिक्षा का मापदंड है? और इसके क्या समाधान हो सकते हैं ? इस पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है । आज भारत…
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ;कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकरमैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ। मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,मैं कभी न जग का ध्यान किया…
चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह।जिनको कछु न चाहिए, वे साहन के साह॥ रहीम कहते हैं कि किसी चीज़ को पाने की लालसा जिसे नहीं है, उसे किसी प्रकार की चिंता नहीं हो सकती। जिसका मन इन तमाम चिंताओं से…
हिन्दी भारत की राजभाषा और विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और संस्कृत, फारसी, अरबी, तुर्की और अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं से प्रभावित है। हिन्दी का साहित्यिक और व्यावहारिक रूप व्यापक है,…
संक्रांति हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने को कहा जाता है। वर्ष में कुल 12 संक्रांतियाँ होती हैं, लेकिन सबसे प्रमुख मकर संक्रांति मानी जाती है, क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि…
छेरछेरा छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख लोक पर्व है, जिसे पौष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन गाँवों में बच्चे और युवा घर-घर जाकर अन्न (धान) मांगते हैं और लोग खुशी-खुशी उन्हें दान करते हैं। इस पर्व का…