शराब पीना आत्महत्या क्यों है? |भूलना चाहता हूँ कि मैं जी रहा हूँ- मनीभाई नवरत्न
यह अतुकांत हिंदी कविता “धीरे-धीरे मरना” शराब की लत से आत्मविनाश की दर्दभरी यात्रा को दर्शाती है। पढ़िए — कैसे हर पैग एक इंसान के सपनों और उम्मीदों को धीरे-धीरे खत्म करता जाता है। भूलना चाहता हूँ कि मैं जी…
