Category हिंदी कविता

प्रेरणा दायक कविता – हम मस्तों में आन मिले

प्रेरणा दायक कविता – हम मस्तों में आन मिले हम मस्तों में आन मिले, कोई हिम्मतवाला रे,दल बादल-सा निकल चला यह दल मतवाला रे।हम मस्तों में आन मिले, कोई हिम्मतवाला रे। बिजली-सी तड़पन नस-नस में, आज नहीं हम अपने बस…

कोविड 19 हिंदी कविता

अप्रैल 2021 से जिस प्रकार से घटनाक्रम ने तीव्रता पकड़ी, मनुष्य पर आया संकट गहरा हो गया। उसी सन्दर्भ में यह रचना एक छोटा सा प्रयास है। आशा करता हूँ ये सभी को अच्छी लगेगी।

हाय यह क्या हो गया?- मनीभाई नवरत्न

हाय यह क्या हो गया? हाय यह क्या हो गया?महाभारत हो गया ।हुआ कैसे?एकमात्र दुर्योधन से!किसका बेटा ?अंधे धृतराष्ट्र का!पट्टी लगाई आंखों मेंपतिव्रता गांधारी का।शायद कम गई दृष्टि इनकी,उद्दंडता जो दुर्योधन ने की । असल कसूरवार कौन?जिसने दुर्योधन को गढ़ा।जीवन…

प्रेरणा दायक कविता – आगे बढ़े चलेंगे

प्रेरणा दायक कविता – आगे बढ़े चलेंगे यदि रक्त बूंद भर भी होगा कहीं बदन में,नस एक भी फड़कती होगी समस्त तन में,यदि एक भी रहेगी बाकी तरंग मन में,हर एक साँस पर हम आगे बढ़े चलेंगे। वह लक्ष्य सामने…

परिवार का महत्व- कविता महदीप जंघेल

परिवार के बिना इंसान का कोई वजूद नही है।
हर मनुष्य परिवार के लिए ही जीता और मरता है।
परिवार में मिलजुलकर रहने से हर कार्य सरलता से संपन्न हो जाता है।

प्रेरणा दायक कविता – आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का

प्रेरणा दायक कविता – आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का उठो, साथियो ! समय नहीं है बहशोभा-अंगार का।आज चुकाना है ऋण तुमको अपनी माँ के प्यार का॥ प्राण हथेली पर रख-रखकर, चलना है मैदान में।फर्क नहीं…

बुरा वक्त भी गुजर जाएगा,कविता, महदीप जंघेल

बुरे वक्त में हमारा धैर्य और आत्मविश्वास हमे संबल प्रदान करती है।
अतः आपातकाल में भी टूटना नही है। वक्त महान होता है।

बुरा वक्त भी गुजर जाएगा,कविता, महदीप जंघेल

प्रेरणा दायक कविता – तुझको विजय-पराजय से क्या?

प्रेरणा दायक कविता – तुझको विजय-पराजय से क्या? चल तू अपनी राह पथिक चल, तुझको विजय-पराजय से क्या?होने दे होता है जो कुछ, उस होने का फिर निर्णय क्या? भँवर उठ रहे हैं सागर में, मेघ उमड़ते हैं अम्बर में।आँधी…

कर्तव्य-बोध-रामनरेश त्रिपाठी

कर्तव्य-बोध -रामनरेश त्रिपाठी जिस पर गिरकर उदर-दरी से तुमने जन्म लिया है।जिसका खाकर अन्न सुधा सम नीर समीर पिया है। जिस पर खड़े हुए, खेले, घर बना बसे, सुख पाए।जिसका रूप विलोक तुम्हारे दृग, मन, प्राण जुड़ाए॥ वह स्नेह की…

प्यार से दुश्मनी को मिटा दंगे हम-अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से कवि दुनिया से दुश्मनी को ख़त्म करना चाहता है और मुहब्बत से रहने को प्रेरित कर रहा है |
प्यार से दुश्मनी को मिटा दंगे हम– कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”