Category हिंदी कविता

जिंदगी का आखिरी सफर….

जिंदगी का आखिरी सफर…. जिंदगी का आखिरी सफर बड़ा सुहाना होगाजो कभी मिलते भी नही थे उनका भी मेरे पास आना होगाजिंदगी का आखिरी सफर बड़ा सुहाना होगा । जो कठोर रहते थे, अपनी बात पे अड़े रहते थेजिनको कुछ…

जीवन का ये सत्य है , मिलन बिदाई संग

जीवन का ये सत्य है , मिलन बिदाई संग शब्द बिदाई सुन लगे , होता कोई दूर ।अपने हमसे छूटते , होकर अति मजबूर ।। मात पिता का नेह ले , सृजन साधना शान ।करें बिदाई मंजरी , अद्भुत ले…

आती है खुशियां थोक में

आती है खुशियां थोक में आती है खुशी थोक में,तेरे आने से ।झरती है मोती लब में, मुस्कुराने से ।यह असर है तेरी दोस्ती काजो दी है तुमने मुझे, तुमसे दिल लगाने से ।।इंतजार रहता है तेरा, मुझे सांसो से…

फिर कहते हो ये खराब थी

फिर कहते हो ये खराब थी मोबाइल दिया, आया बनाया, खाना खिलाया होटल में; इंटरनेट पर पहली पीढ़ी सवार थी, फिर कहते हो पीढ़ी खराब थी। बाहें चढ़ाई, दुपहिया दौड़ाया, दुर्घटना घटी बीच बाजार में; पी रखी शराब थी फिर…

जाने कैसी बात चली है

जाने कैसी बात चली है जाने कैसी बात चली है।सहमी-सहमी बाग़ कली है।। जिन्दा होती तो आ जातीशायद बुलबुल आग जली है। दुख का सूरज पीड़ा तोड़ेसुख की मीठी रात ढली है।। नींद कहाँ बसती आँखों मेंजब से घर बुनियाद…

घर के कितने मालिक -मनीभाई नवरत्न

घर के कितने मालिक वाह भाई !मैंने ईंटें लाई ।सीमेंट ,बालू , कांक्रीट, छड़और पसीने के पानी सेखड़ा कर लियाअपना खुद का घर।बता रहा हूँ सबकोमैं असल मालिक। ये “मैं और मेरा “मेरे होते हैं सोने के पहले।जैसे ही आयेगी…

जय जवान जय किसान

हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे

हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे कितने राजनेताओं के सुपुत्रसरहद में जाने बना जवान !कितने नेता हैं करते किसानीये सुन तुम न होना हैरान !बस फेकने, हाँकने में माहिरजनता को भिड़ाने में महान ! भाषण में राशन देने वालेयही तो…

सपना हुआ न अपना

सपना हुआ न अपना बचपन में जो सपने देखे, हो न सके वो पूरे,मन को समझाया, देखा कि, सबके रहे अधूरे!उडूं गगन में पंछी बनकर, चहकूं वन कानन में,गीत सुरीले गा गा   कर, आनन्द मनाऊं मन में!मां ने कहा, सुनो,…

प्रेम में पागल हो गया

प्रेम में पागल हो गया रूप देख मन हुआ प्रभावित,हृदय घायल हो गया।सुंदरी क्या कहूं मैं,तेरे प्रेम में पागल हो गया। भूल गया स्वयं को,नयनों में बसी छवि तेरी।हृदयाकांक्षा एक रह गई,बाहों में तू हो मेरी। नर शरीर मैंने त्याग…

Jai Sri Ram kavitabahar

मेरा मन लगा रामराज पाने को /मनीभाई नवरत्न

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। मेरा मन…