कलम से वार कर
कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।। जहाँ तुम्हें लगे मैं गलत हूँ,, वहाँ बेझिझक अपनी हार…

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।। जहाँ तुम्हें लगे मैं गलत हूँ,, वहाँ बेझिझक अपनी हार…
सखी वो मुझसे कह कर जाते नैनन मेरे नीर भर गयेहृदय किया आशंकित हैगये होगें जिस मार्ग पे चलकेउस पथ उनके पग अंकित हैजाना ही था जब प्रियतम कोथोडी देर तो रह कर जाते !!१!!*सखी वो मुझसे*…………….. भोर भयी जब…
पहचान पर कविता कैद न करो बस पिंजरे मेंहमें नही चाहिए पूरा जहान ।अपने को मानते हो श्रेष्ठ तोहमें भी बनने दो नारी महान ।।जहाँ कोई मालिक न होऔर न हो यहाँ कोई गुलाम ।दोस्ती का रिश्ता हो बसदोस्ती ही…

आह्वान गीत अभी और लड़ाई लड़नी है,तुमको अपने अधिकार की |चुप होकर मत बैठो तुम,भेरी भरो हुंकार की || कितनी सदियां बीत गईं,पर तुम्हें न वो सम्मान मिला |चिंतन करना होगा तुम्हें,अपने निरादर हार की || अभी और… आज भी…

साँझ के हाइकु 1 साँझ महके प्रिया जूड़े में फँसापिया को ताके ।। 2 साँझ पुकारे सूर्य शर्म से लाल चाँद जो झाँके ।। 3 साँझ का सूर्य बूढ़े की सुनो कोई देर क्यों हुई ? 4 रातें डराती प्रभू…

कैसे जीना भा गया दिल में जब तेरा खयाल आता है,बस एक ही सवाल आता है,न तुम्हें सोच पाती हूँ,और न लिख पाती हूँ,तुम्हारी यादें अब भी आती हैं,दर्द के लहरों से टकरा लौट जाती हैं,महसूस करना चाहता है तुम्हें…

दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।नाम बड़े हे दुनिया में काम बड़े हे।दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे । राम नाम दिन रात जपत हे करे राम के काम…

आओ प्रिय कोई नवगीत गाएँ चलो जीवन में कुछ परिवर्तन लाएँकुछ अच्छा याद रखें कुछ बुरा भूल जाएँआओ प्रिय मैं से हम हो जाएँ। यादों का पुलिंदा जीवन मेंजाने कब से सिसक रहा हैआओ प्रिय कुछ गिले-शिकवे मिटाएँ। शिद्दत से…

गीत अब कैसे लिखूं स्वप्न आंखों में मरे हैं,पुहुप खुशियों के झरे हैं,गीत अब कैसे लिखूं।। सूखती सरिता नयन की,दिन फिरे चिंतन मनन की।अब निभाता कौन रिश्ता,सात जन्मों के वचन की।।प्रिय जनों के साथ छूटे,शेष अपने वही रूठे।गीत अब कैसे …

श्याम चौपाई श्याम भक्ति मीरा मन भाई।दीन्हे सकल काज बिसराई ।।करहि भजन सेवा अरु पूजा।एक देव और नहीं दूजा।। नाचहि गावहि धरियहि ध्याना ।प्रेम सहित गिरधर पति माना ।।सतत करहि सन्तन सन्माना।रचना कर गावहि पद नाना । राणा का जब…