Category हिंदी कविता

virah viyog bewafa sad women

कैसे जीना भा गया

कैसे जीना भा गया दिल में जब तेरा खयाल आता है,बस एक ही सवाल आता है,न तुम्हें सोच पाती हूँ,और न लिख पाती हूँ,तुम्हारी यादें अब भी आती हैं,दर्द के लहरों से टकरा लौट जाती हैं,महसूस करना चाहता है तुम्हें…

bajrang hanumaan

दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे

दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे ।नाम बड़े हे दुनिया में  काम बड़े हे।दुनिया में मोर बजरंगी के नाम बड़े हे । राम नाम दिन रात जपत हे करे राम के काम…

chandani raat

आओ प्रिय कोई नवगीत गाएँ

आओ प्रिय कोई नवगीत गाएँ चलो जीवन में कुछ परिवर्तन लाएँकुछ अच्छा याद रखें कुछ बुरा भूल जाएँआओ प्रिय मैं से हम हो जाएँ। यादों का पुलिंदा जीवन मेंजाने कब से सिसक रहा हैआओ प्रिय कुछ गिले-शिकवे मिटाएँ। शिद्दत से…

हाइकु

गीत अब कैसे लिखूं

गीत अब कैसे लिखूं स्वप्न आंखों    में  मरे  हैं,पुहुप खुशियों के झरे  हैं,गीत  अब   कैसे   लिखूं।। सूखती सरिता नयन की,दिन फिरे चिंतन मनन की।अब  निभाता  कौन  रिश्ता,सात  जन्मों  के वचन की।।प्रिय जनों  के  साथ   छूटे,शेष   अपने    वही   रूठे।गीत  अब   कैसे   …

virah viyog bewafa sad women

श्याम चौपाई-पुष्पा शर्मा “कुसुम”

श्याम चौपाई श्याम भक्ति मीरा मन भाई।दीन्हे सकल काज बिसराई ।।करहि भजन सेवा अरु पूजा।एक देव और नहीं दूजा।। नाचहि गावहि धरियहि  ध्याना ।प्रेम सहित गिरधर पति माना ।।सतत करहि सन्तन सन्माना।रचना कर गावहि पद नाना । राणा का जब…

सरस्वती माता

सुप्रभात वंदन -नमन वंदन वीणावादनी

सुप्रभात वंदन -नमन वंदन वीणावादनी नमन वंदन वीणावादनी,                 सुर नर मुनि जन पूजे ज्ञानी। वाणी में विराजती माता,                  माँ  शारदे  बड़ी  वरदानी।। राह सच जो चलता हमेशा,                  ज्ञान मातु नित नित वह पाया। मिले नित साहस लेखनी…

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तू कदम बढाकर देख

•तू कदम बढाकर देख• मंजिल बुला रही है तू कदम बढाकर  देख खुशियाँ गुनगुना रही है तू गीत गाकर देख काँटे ही नहीं पथ में,फूल भी तुम्हें मिलेंगेपतझड़ का गम ना करना, गुलशन भी तो खिलेंगे बहारें बुला रहीं है,…

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के मुसाफिर हैं हम जीवन पथ केराहें सबकी अलग-अलगधूप-छांव पथ के साथी हैंमंज़िल की है सबको ललक। राही हैं संघर्ष शील सबदामन में प्यार हो चाहे कसकपीड़ा के शोलों में है कोईकोई पा जाता खुशियों…

हाइकु

स्वालंबन पर कविता

स्वालंबन पर कविता स्वालंबन है जीवन अवलंबनबिन स्वावलंब जीवन है बंधनस्वावलंबन ही है आत्मनिर्भरताबिन इसके जीवन दीप न जलता। स्वालंबन जग में पहचान कराताशिक्षा का सदुपयोग सिखातानिराशा में भी आशा भरताऊसर में भी प्रसून खिलाता। अपना दीपक स्वयं बनोस्वालंबन ही…

deepak

नई उम्मीदें पर कविता

नई उम्मीदें पर कविता मन में आशा के दीप जलाजीवन पथ पर बढ़ना है,उम्मीदें ही जीवन की पूंजीनया आसमान हमें पाना है। नई उम्मीदें संजीवनी जीवन कीसकारात्मक सोच जगाती हैंपथ प्रदर्शक है मनुज कीहौंसले बुलंद बनाती है। बिन उम्मीद मंजिल…