Category हिंदी कविता

नया साल ख़ास / अकिल खान

             नया साल ख़ास वक्त के साथ दिन-महीने,और बदल गए साल,निरंतर आगे बढ़ना है,यही है समय की चाल।मेहनत से हम सबको कुछ पाने की है,आश,यही है उम्मीद सभी का हो,नया साल ख़ास। नूतन वर्ष 2025 का,किजीए सभी इस्तकबाल,विनम्रता से बनाईए…

दरूहा सरकार पर कविता/ बिसेन कुमार यादव’बिसु’

दरूहा सरकार। कोन किथे निपोर मन,इहा राम राज्य आवत हे।राम राज्य नई मोर भाई,दरुहा राज्य बनावत हे छत्तीसगढ़ के मनखे मन ला,अऊ दारू पिये बर सिखावत हे।सरकार हा खुदे जनता मन ला, मनपसंद दारू पियावत हे। सरकार हा मोबाइल फोन…

गृहलक्ष्मी पर कविता/ डॉ नीतू दाधीच व्यास

तुम आओगी क्या? मैं तुम्हें अपनी गृहलक्ष्मी बनाऊंगा,तुम आओगी क्या?बस तुम संग एक छोटा सा संसार बसाऊंगा,तुम आओगी क्या? नहीं लाऊंगा तोड़कर कोई चाँद – तारें,न ही जुगनू से रोशनी कराऊंगा।मैं तो तुम्हारे हाथों से ही, घर के मंदिर में…

खूबसूरत है मग़र बेजान है / रेखराम साहू

खूबसूरत है मग़र बेजान है खूबसूरत है मग़र बेजान है,ज़िंदगी से बुत रहा अनजान हैं। बेचता ताबीज़ है बहुरूपिया,है वही बाबा, वही शैतान है। माँगता है,शर्त रखता है कभी,‘प्यार का दावा’, अभी नादान है । रूह की कीमत बहुत नीचे…

शेष शव शिव पर कविता / रेखराम साहू

शेष शव शिव पर कविता / रेखराम साहू शेष शव,शिव से जहाँ श्रद्धा गयी सभ्यता किस मोड़ पर तू आ गयी,कालिमा तुम पर भयंकर छा गयी। लालिमा नव भोर की है लीलकर,पूर्णिमा की चाँदनी, तू खा गयी। चाट दी चौपाल…

जुल्मी अगहन पर कविता / शकुन शेंडे
बचेली

    जुल्मीअगहन जुलुम ढाये री सखी, अलबेला अगहन!शीत लहर की कर के सवारी, इतराये चौदहों भुवन!! धुंध की ओढ़नी ओढ़ के धरती, कुसुमन सेज सजाती।ओस बूंद नहा किरणें उषा की, दिवस मिलन सकुचाती।विश्मय सखी शरमाये रवि- वर, बहियां गहे न…

जंगल पर कविता: प्रकृति का जादू और अद्भुत अनुभव (2024)

जंगल पर कविता के माध्यम से प्रकृति का महत्व, पर्यावरण संरक्षण, और वन्यजीवन का समर्थन सीखें। इस लेख में जानें कि कैसे जंगल पर कविताएँ हमें पर्यावरण से जोड़ती हैं।

Haathi par kavita : 5 बेहतरीन हाथी पर कविताएँ

“हाथी पर कविता” पढ़ें और जानें इस अद्भुत प्राणी की महानता को। हाथी की कविताओं से प्रेरणा और ज्ञान पाएं। हाथी, हमारे ग्रह का एक अनोखा और शक्तिशाली प्राणी है जो अपनी विशालता, समझदारी, और सामाजिकता के लिए प्रसिद्ध है।…

तुलसी विवाह पर कविता

तुलसी विवाह पर कविता पौराणिक कथा पर आधारित है और वृंदा और भगवान विष्णु के अवतार जालंधर की कहानी को प्रस्तुत करती है। गंगा द्वारा श्रीहरि को श्राप देने से लक्ष्मी को धरती पर दो रूपों में जन्म लेना पड़ा…

कवि / कविता पर कविता/ राजकुमार ‘मसखरे

कवि / कविता पर कविता/ राजकुमार ‘मसखरे आज़कल  कवि  होते नही हैंवे सीधे ही  कवि बन जाते हैं,कुछ लिखने व मंथन से पहलेकोई  नकली  ‘नाम’ जमाते हैं ! यही कोई ‘उपनाम’ लिख करफिर नाम  मे ‘कवि’  लगाते हैं,दो,चार रचना क्या…