अनजान लोग – नरेंद्र कुमार कुलमित्र
अनजान लोग कितने अच्छे होते हैं अनजान लोगउनको हमसे कोई अपेक्षा नहीं होतीहमें भी उनसे कोई अपेक्षा नहीं होती हम गलत करते हैंकि अनजानों से हमेशा डरे डरे रहते हैंहर बार अनजान लोग गलत नहीं होतेफिर भी प्रायः अनजानो से…
अनजान लोग कितने अच्छे होते हैं अनजान लोगउनको हमसे कोई अपेक्षा नहीं होतीहमें भी उनसे कोई अपेक्षा नहीं होती हम गलत करते हैंकि अनजानों से हमेशा डरे डरे रहते हैंहर बार अनजान लोग गलत नहीं होतेफिर भी प्रायः अनजानो से…
तेरी यादों का सामान तेरी यादों का सामान अभी भी पड़ा है मेरे पासजो दिलाता है तेरे करीब होने का अहसास।कुछ मुस्कुराहटें जो दिल में घर कर गई, और कुछ चाहतें जो मुझे पागल कर गई। तुझसे जुड़े हुए कुछ…
सावन का चल रहा महीना सपने अब साकार हो रहे, जो थे कब से मन में पालेसावन का चल रहा महीना, देखो सबने झूले डाले।पत्थर पर जब घिसा हिना को, फिर हाथों पर उसे लगायानिखरी सुंदरता इससे तब, रंग यहाँ…
आहट पर कविता सिंहासन खतरे मेंहो ना होसिंह डरता है हर आहट से आहट भीप्रतीत होती है जलजलाप्रतीत होती है उसे खतरावह लगा देता हैऐड़ी-चोटी का जोरकरता है हर संभव प्रयासआहटों को रोकने का अंदर से डरा हुआताकतवर हो कर…
अश्रु नीर नयन के अश्रु नयन के सूख गए अब ,छोड़ दिया है हमने क्योंकि ,सोचना ज्यादा अब l*बचपन में रोए बहुत ,रो-रो कर भरे नयन ।दूर की सोच बनाते थे जब,देता नहीं था साथ कोई तब,हर तरफ से डांट…
गुरू पूर्णिमा पर कविता नित्य करें हम साधना,रखें हृदय के पास।ज्ञान रुपी आशीष से,जीवन हो मधुमास।।१।। गुरुवर की पूजा करें,गुरु ही देते ज्ञान।जिनके ही आशीष से,मिले अचल सम्मान।।२।। गुरू नाम ही साधना,साधक बनकर साध।जिनके सुमिरण से सदा,कटे कोटि अपराध।।३।। बनकर…
गुरु वंदना नित्य करूँ मैं वंदना, गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह , होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं, करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर, करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से , हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित…
महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते…
अटल कश्यप की हिन्दी कवितायेँ सैक्स-वर्कर चश्मा इंसानियत का चढ़ाकरएक सैक्स-वर्कर को टटोला था,छल्ले धुँए के उड़ाते और हलक से शराब के घूँट उतारते अपने दर्द को मेरे सामने उड़ेला था,पसीजा था मेरा कलेजा भीउसकी कहानी सुनकरमजबूरियों ने उसेदलदल में…
प्रेम भाव पर हिंदी कविता शांत सरोवर में सदा , खिलते सुख के फूल।क्रोध जलन से कब बना,जीवन यह अनुकूल।। मानवता के भाव का,समझ गया जो मर्म।उनके पावन कर्म से , रहता दूर अधर्म।। मन में हो विश्वास जब,जीवन बनता…