प्रेम भाव पर हिंदी कविता -डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

प्रेम भाव पर हिंदी कविता


शांत सरोवर में सदा , खिलते सुख के फूल।
क्रोध जलन से कब बना,जीवन यह अनुकूल।।

मानवता के भाव का,समझ गया जो मर्म।
उनके पावन कर्म से , रहता दूर अधर्म।।

मन में हो विश्वास जब,जीवन बनता स्वर्ग।
शुभकर मन के भाव से , बढ़े जगत संसर्ग।।

मन को शीतल ही करें , प्रेम भाव के बोल।
फिर भी नर क्यों दुष्ट बन,करता कलुष किलोल।।

कोहिनूर मन में भरो,प्रेम भाव का रंग।
जग में पावन प्रेम से,बनते प्रीत प्रसंग।।
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रचनाकार –डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
मोबाईल नम्बर- 8120587822

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