बस वही परिवार है (परिवार पर कविता )- नमिता कश्यप
कविता-बस वही परिवार है
परिवार के प्रेम और महत्व को प्रदर्शित करती प्यारी सी कविता
नमिता कश्यप
कविता-बस वही परिवार है
परिवार के प्रेम और महत्व को प्रदर्शित करती प्यारी सी कविता
नमिता कश्यप
मेरी की कविता में एक गरीब परिवार की दशा का चित्रांकन किया गया है
मजदूर विश्व निर्माता है। संसार में उसके बिना विकास कार्य संभव नहीं है। मजदूर श्रम के पुजारी है। उन्हें मेरा नमन है।
इस रचना के माध्यम से कवि परिवार की महिमा को व्यक्त कर रहा है |
परिवार – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
ख़ून के रिश्ते सम्भालो,
रिश्तों का ना ख़ून करो।।
परिवार – सिर्फ पति-पत्नी और एक-दो बच्चों से ही नहीं बल्कि परिवार पूरा खानदान होता है। हमारे खून के रिश्ते ही मिलकर एक परिवार बनता है – राकेश सक्सेना