बहुजनों का नायक साहब कांशीराम पर कविता

कांशीराम पर कविता हाथी जैसा चाल,और शेर का दहाड़ था।हरि सिंह का लाडला,ओ साहब कांशीराम था।बिसन कौर के लाल,रूपनगर में जन्मे।डील डौल बालक, बचपन से होनहार था। सफर किये वैज्ञानिक…

साहब कांसीराम पर कविता

साहब कांसीराम पर कविता वो साईकिल चलाने वालासाहब कांसीराम था। वंचित को हक दिलाने वालासाहब कांसीराम था। बामसेफ को बनाने वालासाहब कांसीराम था। नीला झंडा उठाने वालासाहब कांसीराम था। खून…

मित्रता पर कविता

मित्रता पर कविता मित्रो के विवाद में संवाद करना चाहिए।मित्रो की मित्रता में अमृत रस बना चाहिए। मित्र ज्ञानी हो ना हो, सचा होना चाहिए।मित्रो में कपट ना हो, प्रेम…

घर मंदिर पर कविता

घर मंदिर पर कविता त्याग और सहयोग जहाँ होघर वो ही कहलाता है।इक दूजे में प्यार बहुत होघर मंदिर बन जाता है।।1।।आँगन में किलकारी गूँजेघर बच्चों से भरा रहे।नारी का…

संस्कृति पर कविता

संस्कृति पर कविता अपनी संस्कृति अपनाओ,अपना अभिवादन अपनाओ!जब भी मिले दूसरो से ,हाथ जोड़ मुस्कुराओ !!हाथ जोड़ मुस्कुराओ,कोरोना दूर भगाओ!हाथ धोये साबुन सेथोड़ा न घबराओ !!कहे दूजराम पुकार के ,सावधानी…

दादाजी पर कविता (एक अद्भुत मित्र)

दादाजी पर कविता आज सुनाता हूँ मैं मेरे जीवन का वो प्रसंगजो है मेरे जीवन का एक अद्भुत अमिट अंग॥हुई कृपा उस ईश्वर की जो मुझे यहाँ पर भेजा हैसौंप…

कैसे जाल बिछाया है कोरोना

कैसे जाल बिछाया है कोरोना कैसे जाल बिछाया है ?तूने रे कोरोना!हाहाकार मचा दिया है,हो रही है रोना !!कोरोना बोला सुन रे मानव,छोड़ दिया तूने अपनी संस्कृति,संस्कार भी भुला दिया…

डॉग लवर पर पत्रकारिता

डॉग लवर पर पत्रकारिता ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने…

ख़यालों पर कविता

ख़यालों पर कविता तुम मेरे ख़यालों में होते होमैं ख़ुशनसीब होता हूँबात चलती है तुम्हारी जहाँमैं ज़िक्र में होता हूँ . पलकें बंद होती नहीं रातों कोयादों को तुम्हारी आदत…

सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता

सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता मुझे कुछ ना सुझेभला एक बूंद मेंसौ प्यास कैसे बुझे ?तू मेरी ना सोच ,जा किसी चोंचअमृत बन .मेरी यही नियति हैकि तड़प मरूँअति…