क्रिसमस डे सर पे टोपी हाथ मे क्रिसमस,चलो सांता बनते हैं।प्रभु के जन्म दिवस पर,पुनीत कर्म हम करते हैं । बच्चों के साथ मिलकर,हँसी ठिठोली करते हैं।खूब नाचे हम खूब…
गीता द्विवेदी की शानदार कविता अलाव कभी-कभी जिंदगीअलाव जैसी धधकती हैउसमें हाथ सेंकते हैंअपने भी पराए भीबुझने से बचाने कीसबकी कोशिश रहती है,डालते रहते हैं,लकड़़ियाँ पारी-पारी,कितना अजीब है ना!न आग…
चुनाव में होगा दंगल अब होगा दंगल,गाँव-गाँव, गली-गली !!बजेगा बिगुल चुनाव की,गाँव- गाँव, गली-गली !! लोकतंत्र की महापर्व में,काफिले खूब चलेंगे!न दिखेगा अबीर का रंग,चुनावी रंग चढ़ेंगे !!लुभावने, छलावे की,मंत्रोच्चार…
शरदपूर्णिमा पर कविता ओढ़ के चादर कोहरे कीसूरज घर से निकला थाकर फैला कर थोड़ी धूपदेने की, दिन भर कोशिश करता रहा सांझ ने जब दामन फैलायानिराश होकर सूरज फिर…
लिखना पढ़ना पर कविता पढ़ना लिखना चाहिए,जीवन में जी मस्त।शिक्षित करते हैं सभी,संकट को जी पस्त।।संकट को जी पस्त,होत हैं भारी ताकत।डरते कभी न भाय,भगे जी संकट सामत।।कह कवि अंचल मित्र,कभी…
मतदाता पर कुण्डिलयाँ?? भाग्य विधाता भाग्य विधाता देश का, स्वयं आप श्रीमान।मिला वोट अधिकार है, करिये जी मतदान।।करिये जी मतदान, एक मत पड़ता भारी।सभी छोड़कर काम, प्रथम यह जिम्मेदारी।।कहे अमित…
केवरा यदु मीरा के दोहे (1) चंदन माथे पर चंदन लगा, कैसा ढ़ोंग रचाय ।मंदिर मठ के नाम पर, वह व्यापार चलाय ।। (2)अग्निपथ सैनिक चलते अग्निपथ, लिये तिरंगा हाथ…
गुरू घासीदास छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में पिता महंगुदास जी एवं माता अमरौतिन के यहाँ अवतरित हुये थे गुरू घासीदास जी सतनाम धर्म जिसे आम बोल चाल में सतनामी समाज कहा जाता है, के प्रवर्तक थे।