कटुक वचन है ज़हर सम

कटुक वचन है ज़हर सम वाणी ही है खींचती भला बुरा छवि चित्रवाणी से बैरी बने वाणी से ही मित्रसंयम राखिए वाणी पर वाणी है अनमोलनिकसत है इक बार तो…

चुनाव का बोलबाला

चुनाव का बोलबाला हर  गली   में   बोलबाला  है।अब  वक्त  बदलने  वाला  है।।जो चुनाव नजदीक आ गया,बहता   दारू  का   नाला  है।।उन्हें  वोट  चाहिए  हर  घर  से,हर  महिला  इनकी  खाला  है।।साम, दाम,…

कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम

कालचक्र गतिशील निरन्तर होता नहीं विराम कालचक्र गतिशील निरन्तर                      होता नहीं विराम,दुख    के   पर्वत,नदिया,नाले               सुख का अल्प विराम।अब तक मुझको समझ न आया                   इस जगती का रागरास       न आयी   इसकी …

सरस्वती दाई तोर पइयां लागव ओ

सरस्वती दाई तोर पइयां लागव ओ ~~~~सरस्वती दाई तोर पइयां लागव ओ।कंठ में बिराजे जेकर भाग जागय ओ।तोरे आसरा म नान्हे लइका पढ़ जाथे।बुद्धि पाके ज्ञानी कलाकार बन जाथे।मन ल…

आया है चैत्र नवरात्र का त्योहार

उगादी सृष्टि की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए नौ दिनों में मनाया जाता है, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने उगादी पर…

दिल की बात जुबाँ पे अक्सर हम लाने से डरते हैं

दिल की बात जुबाँ पे अक्सर हम लाने से डरते हैं दिल की बात जुबाँ पे अक्सर हम लाने से डरते हैंकहने को तो हम कह जाएँ पर कहने से…

हाय रे गरीबी

हाय रे गरीबी                (१)भूख में तरसता यह चोला,कैसे बीतेगी ये जीवन।पहनने के लिए नहीं है वस्त्र,कैसे चलेगी ये जीवन।              (२)किसने मुझे जन्म दिया,किसने मुझे पाला है।अनजान हूं इस दुनिया…

अनिता मंदिलवार सपना की कविता

अनिता मंदिलवार सपना की कविता कविता संग्रह समझदार बनो कहते हैं बड़े बुजुर्गसमझदार बनोजब बेटियाँ चहकती हैंघर के बाहरखिलखिलाती हैंउड़ना चाहती हैंपंख कतर दिये जाते हैंकहा जाता हैतहजीब सीखोसमझदार बनो…

बना है बोझ ये जीवन कदम

बना है बोझ ये जीवन कदम (मुज़तस मुसम्मन मखबून)बना है बोझ ये जीवन कदम थमे थमे से हैं,कमर दी तोड़ गरीबी बदन झुके झुके से हैं।लिखा न एक निवाला नसीब…

क्षुधा पेट की बीच सड़क पर

क्षुधा पेट की बीच सड़क पर क्षुधा पेट की, बीच सड़क पर।दो नन्हों को लायी है।।भीख माँगना सिखा रही जो।वो तो माँ की जायी है।।हाथ खिलौने जिसके सोहे।देखो क्या वो लेता…