रामनाथ की कुण्डलिया

रामनाथ की कुण्डलिया (1)  प्रातः  जागो भोर में ,                    लेके  हरि  का   नाम ।       मातृभूमि वंदन करो ,                    फिर पीछे सब काम ।।       फिर पीछे सब काम ,                   करो तुम…
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होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम

होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम holika-dahan बुराई खत्म करने का प्रण करेंआओ फिर होलिका दहन करें।औरत की इज्जत का प्रण करें,आओ फिर होलिका दहन करें। यहां तो…

ऋतु बसंत आ गया

ऋतु बसंत आ गया           बिखरी है छटा फूलों की,          शोभा इंद्रधनुषी रंगों की,          कोयल की कूक कर रही पुकार,          ऋतु बसंत आ गया,          आओ मंगल-गान करें।महुए के फूलों की…

दिल की बात बताकर देखो

दिल की बात बताकर देखो दिल की बात बताकर देखोमन में दीप जलाकर देखो।कौन किसी को रोक सका हैनाता खास निभाकर देखो।आँखों की बतिया समझो तोलब पर मौन सजाकर देखो।इश्क़…

मंज़िल पर कविता

मंज़िल पर कविता   सूर्य की मंज़िल अस्ताचल तक,तारों की मंज़िल सूर्योदय तक।नदियों की मंज़िल समुद्र तक,पक्षी की मंज़िल क्षितिज तक। अचल की मंज़िल शिखर तक,पादप की मंज़िल फुनगी तक।कोंपल…

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात फागुन में पलाश है, रंगों भरी दवात ।रंग गुलाबी हो गया, इन रंगों के साथ ।।अँखियों से ही पूछ गया, फागुन कई सवाल…

फागुन आ गया

     फागुन आ गया हर्षोल्लास था गुमशुदादौर तलाश का  आ गया।गुम हुई खुशियों को लेकरफिर से  फागुन आ गया॥झुर्रियां  देखी जब चेहरे पर लगा बुढ़ापा आ गया।उम्र की सीमा को तोड़करउत्साही…

बासंती फागुन

⁠⁠⁠ बासंती फागुन ओ बसंत की चपल हवाओं,फागुन का सत्कार करो।शिथिल पड़े मानव मन मेंफुर्ती का  संचार करो।1बीत गयी है आज शरद ऋतु,फिर से गर्मी आयेगी.ऋतु परिवर्तन की यह आहट,सब…

हसरतों को गले से लगाते रहे

हसरतों को गले से लगाते रहे हसरतों को गले से लगाते रहे,थोड़ा थोड़ा सही पास आते रहे..आप की बेबसी का पता है हमें,चुप रहे पर बहुत ज़ख़्म खाते रहे..इस ज़माने…