सेना पर कविता सेना भारत वर्ष की, उत्तम और महान।इसके साहस की सदा, जग करता गुणगान।जग करता गुणगान, लड़े पूरे दमखम से।लेती रिपु की जान, खींच कर लाती बिल से।*और…
मेरी कविता मां काली है मेरी कविता में करुण नही,क्रंदन कर अश्क बहायेगी ।श्रृंगार नहीं है कविता में ,जो गीत प्रेम के गायेगी ।सैनिक के साथ चला करती,यह भारत की…
सड़क पर कविता अजगर के जीभ सी ये सड़कसड़क नहीं है साहब….चीरघर है।हर दस मिनट में यहाँहोती हैं हलाल…इन द्रुतगामी वाहनों से।रोज होते सड़क हादसों सेलीजिए सबकजरा सावधानी सेकीजिए सफरक्या…
नाराज़- डॉ० ऋचा शर्मा माँ बेटे से अक्सर रहती है नाराज़नहीं करता बेटा कोई भी काजयही समझाना चाहती है माँजीवन का गहरा राज़बस इसीलिए रहती है बेचारी नाराज़बेटे को पहनाना…
रात ढलती रही रात ढलती रही, दिन निकलते रहे,उजली किरणों का अब भी इंतजार है।दर्द पलता रहा, दिल के कोने में कहीं ,लब पर ख़ामोशियों का इजहार है।जीवन का अर्थ…
बसंत तुम आए क्यों ? मन में प्रेम जगाये क्यों?बसंत तुम आए क्यों ? सुगंधो से भरीसभी आम्र मंजरीकोयल कूकती फिरेइत्ती है बावरीसबके ह्रदय में हूक उठाने मन में प्रेम…
परदेसी से प्रीत न करना तुमसे विलग हुए तो कैसेकैसे दिवस निकालेंगे।दीप जलाये हैं हमने हीदीपक आप बुझा लेंगे। तन्हाई में जब जब यारायाद तुम्हारी आयेगी।परदेसी से प्रीत न करनादिल…