अपनी भाषा हिन्दी गहरा संबंध है,सादगी और सौंदर्य मेंस्वाभाविकता और अपनत्व में।नकल में तो आती है,बनावट की बू।बोलने में सिकुड़ती हैनाक और भौं।जो है, उससे अलग दिखने की चाह।पकड़ते अपनों…
आओ मिलकर पेड़ लगाएं सूनी धरा को फिर खिलाएंधरती मां के आंचल को हमरंगीन फूलों से सजाएंआओ मिलकर पेड़ लगाएं।। न रहे रिश्तों में कभी दूरियांचाहे हो गम चाहे मजबूरियांमिलकर…
कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।। …
आह्वान गीत अभी और लड़ाई लड़नी है,तुमको अपने अधिकार की |चुप होकर मत बैठो तुम,भेरी भरो हुंकार की || कितनी सदियां बीत गईं,पर तुम्हें न वो सम्मान मिला |चिंतन करना…