कर्म कर ले प्यारे – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचने में कर्म को प्रधानता दी गयी है |
कर्म कर कर्म कर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

हिंदी संग्रह कविता-बलि पथ का इतिहास बनेगा

बलि पथ का इतिहास बनेगा बलि पथ का इतिहास बनेगामर कर जो नक्षत्र हुए हैं उनसे ही आकाश बनेगा। सह न सकें जो भीषणता को, सर पर बाँध कफन निकले थे,देख उन्हें मुस्करा कर जाते, पत्थर भी मानों पिघले थे।इस उत्सर्गमयी स्मिति से ही माँ का मधुर सुहास बनेगा। कायरता ने शीश झुका जब, हार … Read more

हिंदी संग्रह कविता-डटे हुए हैं राष्ट्र धर्म पर

डटे हुए हैं राष्ट्र धर्म पर अटल चुनौती अखिल विश्व को भला-बुरा चाहे जो माने।डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर, विपदाओं में सीना ताने । लाख-लाख पीढ़ियाँ लगीं, तब हमने यह संस्कृति उपजाई।कोटि-कोटि सिर चढ़े तभी इसकी रक्षा सम्भव हो पाई॥हैं असंख्य तैयार स्वयं मिट इसका जीवन अमर बनाने।डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर, विपदाओं में सीना … Read more

हिंदी संग्रह कविता-हार नहीं होती हिन्दी कविता

हार नहीं होती हिन्दी कविता धीरज रखने वालों की हार नहीं होती।लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।एक नन्हींसी चींटी जब दाना लेकर चलती है।। चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती। धीरज रखने डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाते हैं।जो जाकर खाली हाथ लौट … Read more

जंगल की आग – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से कवि जंगल में आग से होने वाली जन हानि , पर्यावरण एवं पशु हानि की ओर संकेत दे रहा है |
जंगल की आग – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”