समय पर कविता तेरे पाँवों की जंजीरों को,पाजेब बना दूँ !हथकड़ियाँ तोड़ हथेलियों में,मेहंदी रचा दूँ !नाजुक कलाइयों में रंगीन,चूड़ियाँ खनका दूँ!माथे की शिकन पर,झिलमिल बिंदिया सजा दूँ ! हे…
गिरिराज हिमालय भारत का हिमगिरि प्रहरी हैरजतमयी अनमोल ताज।युग- युग तक कृतज्ञ रहेगा,भरतखण्ड का महा राज।अहो भाग्य है इस भारत के,जहां हिमालय अडिग खडा।शीश उठाये गिरवर निर्भय,स्वाभिमामान से धीर…
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह…
दीपक की ख्वाहिश दीपक की ख्वाहिशमिट्टी से बना हूँ मैं तो,मिट्टी में मिल जाऊँगा।जब तक हूँ अस्तित्व में,रौशनी कर जाऊँगा ।।तमस छाया हर तरफ,सात्विकता बढ़ाऊंगा।विवेक को जगाकर मैं,रौशनी कर जाऊँगा…
अब तो खुलकर बोल* शर्मिलापन दूर भगाकर,घूँघट के पट खोल!बोल बावरी कलम कामिनी,अब तो खुल कर बोल!!जीवन की अल्हड़ता देखी,खुशियाँ थी अनमोल!दुख को देखा इन नैनों से,तर्क तराजू तोल!ऊंच नीच…
पुलवामा की घटना पुलवामा की घटना देख, देश बड़ा शर्मिंदा है।धिक्कार हमारे भुजबल पर , अब तक कातिल जिन्दा है।वो बार -बार हमला करते , हम शांति वार्ता करते है।दुश्मन…
अब तो बस प्रतिकार चाहिए आज लेखनी तड़प उठी हैभीषण नरसंहार देखकर।क्रोध प्रकट कर रही है अपनाज्वालामुखी अंगार उगलकर।दवात फोड़कर निकली स्याहीतलवारों पर धार दे रही।कलम सुभटिनी खड्ग खप्पर लेरण…
शारदे आयी हो मेरे अंगना हे माँ शारदे, महाश्वेता आयी हो मेरे अंगना ।पूजूँगा तुम्हें हे शतरूपा, वीणापाणि माँ चंद्रवदना ।। बसंत ऋतु के पाँचवे दिवस पर हंस पे चढ़…