सेवा पर कविता - मानक छत्तीसगढ़िया HINDI KAVITA || हिंदी कविता ठंडी में गरीब को कपड़े दे दो,गर्मी में प्यासे को पानी।हर मौसम असहाय की सेवा,ऐसे बीते जवानी।। अशिक्षित को…
नव्य आशा के दीप जले - मधु सिंघी नव्य आशा के दीप जले,उत्साह रूपी सुमन खिले।कौतुहल नवनीत जगाकर,नया साल लो फिर आया। मन के भेद मिटा करके,नयी उम्मीद जगा करके।संग…
माता शारदे वंदन करूँ -भुवन बिष्ट माता शारदे वंदन करूँ। मिले अब वरदान।।वाणी में विराजती माता। सदा देना ज्ञान।।आलोकित हो हर पथ मेरा। लेखनी पहचान।।होवे विनती यह बार बार। माता…
ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। प्रायः गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत…