Category: हिंदी कविता

  • निरोगी जीवन का मंत्र शाकाहार/ सुशी सक्सेना

    निरोगी जीवन का मंत्र शाकाहार/ सुशी सक्सेना

    निरोगी जीवन का मंत्र शाकाहार/ सुशी सक्सेना

    निरोगी जीवन का बस एक ही है मंत्र
    शाकाहार आहार ही है सबसे बड़ा यंत्र

    शाकाहारी भोजन खाओ, मानव कहलाओ
    शुद्ध सात्विक भोजन से अनमोल सेहत पाओ

    शाकाहार में भरे पड़े हैं पोषक तत्व अनेक
    शाकाहार से मिलते संस्कार और विवेक

    मैं शाकाहारी हूं, है गर्व मुझे इस बात का
    अन्न का महत्व बताए, कंद मूल पात का

    ऐ साहिब, दुनिया में फैलाओ बस यही विचार
    सुंदर मन बनाए शाकाहार सर्वोत्तम आहार।

    सुशी सक्सेना इंदौर मध्यप्रदेश
  • सुखद जीवन का सर्वोत्तम आहार/ चन्द्रकांत खुंटे ‘क्रांति’

    सुखद जीवन का सर्वोत्तम आहार/ चन्द्रकांत खुंटे ‘क्रांति’

    सुखद जीवन का सर्वोत्तम आहार/ चन्द्रकांत खुंटे ‘क्रांति’

    मनुज जन्म हुआ अहिंसक
    पशु सरिस घूम रहे हिंसक
    भर-भर करते माँस भक्षण
    इसके मिलते अनेक लक्षण
    एक लक्षण नयन का है
    जन्म लेते पलक शयन का है।
    नरेतर का खुलते अष्ट दिवस में
    अशक्त को करते जो वश में।
    अम्बु को पीते मुँह लगाकर
    हिंसक पीते जीभ लप-लपाकर।
    अहिंस्र रखते लघु करकंटक
    मूढ़ प्रहार दीर्घ नोच हंटक।
    एक का दशन श्वेत सपाट
    दूजे का अत्यंत नुकीले लाट।
    यह सारे गुण मनुजों में आ गए
    माँस भक्षण दैत्यों का पा गए।
    समतल दंत,क्षुद्र नाखून तज
    अति नुकीले-विशाल को भज।
    जिह्वा को दैत्य सरिस लपलपा रहे
    असहायों को भीषण तपा रहे।
    जो कर रहे लघु जीवों पर प्रहार
    शोषण-हत्या निरंतर बारम्बार।
    शाकाहारी और शाकाहार
    सुखद जीवन का सर्वोत्तम आहार।।

    चन्द्रकांत खुंटे ‘क्रांति

  • शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार/प्रियंका मिश्रा” कुमुद”

    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार/प्रियंका मिश्रा” कुमुद”

    प्रकृति द्वारा दिया अनुपम उपहार
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार।
    पेट की क्षुधा मिटाने को
    ना करो क्रूर व्यवहार
    चीखों और आहों से भरा
    निकृष्ट है ये आहार।
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार।
    हिंसा से भरा हुआ भोजन
    कैसे मन को शांति देगा
    कैसे पुष्ट करेगा तन को
    कैसे शुद्ध होंगे विचार।
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार।
    वृक्षों ने मीठे फल दिए
    धरती ने उपजाया अन्न
    धान्य शाक को पचा सके
    तन का ऐसा ही व्यापार।
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार।
    बादाम पनीर तिल दूध
    से कैल्शियम मिले भरपूर
    हरी सब्जियां खाओ जी भर
    आयरन का इनमें भंडार।
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार।
    विटामिन मिनरल्स भरपूर मिलेंगे
    शाक सब्जी और फलों में
    हर रोग व्याधि को शांत करें ये
    खुले ना नए रोगों के द्वार।
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार।
    शाकाहार अपनाओ जीवन में
    चित्त में करुणा शांति रहेगी
    हष्ट पुष्ट होगा तन मन
    दूर रहेंगे मानसिक विकार।
    कह गए हमारे ऋषि मुनि
    शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार ‌।


    श्रीमती प्रियंका मिश्रा” कुमुद”
    खासगी बाजार लश्कर ग्वालियर मध्य प्रदेश।
  • शाकाहार जीवन/ममता श्रवण अग्रवाल

    शाकाहार जीवन/ममता श्रवण अग्रवाल

    शाकाहार जीवन/ममता श्रवण अग्रवाल

    शाकाहारी बनकर हम
    धर्म का पथ अपनाएंगे,
    मानव है हर जीव का रक्षक,
    बने नही वो किसी का भक्षक।

    साँसों की गति के लिए चाहिये,
    जल ,वायु, निद्रा और भोजन।
    ये ही हैं वो मूल तत्व जीवन के,
    इनसे ही पोषित होता यह तन।।

    पर कैसा हो जल,भोजन अपना,
    यह है बात बड़ी विचारणीय।
    जैसा हो अन्न, वैसा बने यह मन,
    यह सूत्र है सतत चिर वंदनीय ।।

    सत, रज ,तम ये त्रय गुणं होते,
    जो आधरित होंते भोजन पर।
    सत ,तम, रज में ,सत, श्रेष्ठ है,
    और सत, सात्विक भोजन पर।।

    अन्न ,फल, मेवों से पूर्ण धरा यह,
    जो करती हैं जन जन का पोषण।
    पर हम अपनी क्षुधा शमन हित,
    करते जीवों का भक्षण, शोषण।।

    शाकाहार को तज कर हम अब,
    मांसाहार को नित अपनाते ।
    और सजीव ,जीवित तन मन से,
    हम क्यों अपनी क्षुधा मिटाते ।।

    पल भर तुम ठहर का सोचो,
    क्या तुम इनको जीवन दे पाओ।
    यदि दे न सकते जीवन तुम,
    फिर लेने का औचित्य कहो क्यों।

    अतः आहार का मर्म समझ लो,
    धर्म है सबका पोषण करना।
    और जिस आहार से होवे हनन ,
    आहार नही, है वो शोषण करना।

    सो अपना कर शाकाहार जीवन,
    बने हम सात्विक शाकाहारी।
    यही धर्म है हम मानव का,
    कि होंवे तन मन से पीड़ाहारी।।

    ममता श्रवण अग्रवाल
    सहित्यकार सतना

  • शाकाहारी न करता कभी दुर्व्यवहार/आशा झा

    शाकाहारी न करता कभी दुर्व्यवहार/आशा झा

    शाकाहारी न करता कभी दुर्व्यवहार/आशा झा

    शाकाहार सिद्ध होता सर्वोत्तम आहार।
    बना देता सद विचार आचार व्यवहार।

    शाकाहारी अपना लोक परलोक सुधार लेता ।
    शाकाहारी अपना पेट शमशान न बनने देता ।
    शाकाहारी जीव हत्या का दोष अपने सर न लेता ।
    शाकाहारी अपना शरीर बीमारी का घर न बनने देता ।

    शाकाहारी न करता कभी अत्याचार ।
    शाकाहारी न करता कभी व्यभिचार ।
    शाकाहारी कम में गुजारा कर लेता
    शाकाहारी जीवन की नाव खुद खेता

    शाकाहारी न करता कभी भ्रष्टाचार।
    शाकाहारी सुविचारों का पोषक बनता
    शाकाहारी कुविचारों का शोषक बनता ।
    शाकाहारी न करता कभी दुर्व्यवहार ।

    आशा झा, दुर्ग छत्तीसगढ़