कोरोना की मार पर कविता

कोरोना की मार पर कविता

Corona rescue related ||कोरोना बचाव सम्बंधित
Corona rescue related ||कोरोना बचाव सम्बंधित

गाँव गली सुनसान पड़े हैं।
शहर भी तो वीरान पड़े हैं।
कोरोना का कहर,
आदमी को नाच नचा रहा।
हाहाकार मची है दुनिया में,
इटली,फ्रांस,ईरान बता रहा।
हमारी स्थिति भी कहीं कभी,
इटली ईरान सी न हो जाये।
पूरी दुनिया हाँ पूरी दुनिया को,
ये एकमात्र डर सता रहा।
उनकी तुलना में हम भारत
कहीं नहीं टिकते हैं।
तो अपने लिए हाँ अपने लिए,
इक्कीस दिन घर में रुकते हैं।
सरकार की सलाह मानते हैं,
कोरोना के कहर को पहचानते हैं।
बार बार हाथ खोना,चैन न खोना,
तो कोरोना का कहर रुकेगा।
गर ये लक्ष्मण रेखा न लांघे,
तो कोरोना खुद ब खुद झुकेगा।
कोरोना का कहर विश्व में जारी,
भारत की जनता की तैयारी है।
कोरोना एक भयंकर महामारी,
सबसे खतरा लाइलाज बीमारी है।

*सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”*
ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री
तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.)
मोब.- 8103535652
9644035652
ईमेल- [email protected]

Comments

  1. Chandramohan Kisku

    लॉक डाउन के लिए देशवासिओं को काव्यात्मक अपील .

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