निंदा पर सोरठा- मनीभाई January 12, 2019 by कविता बहारनिंदा पर सोरठाचुगली औषधि होत, करती मरहम काम जो।परनिंदा दुख स्रोत , स्वनिंदा बैकुंठ सम।।✒️ मनीभाई ‘नवरत्न’ WhatsApp Facebook Twitter Print CopyCopied