Jai Sri Ram kavitabahar

अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा

राम प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया राम राष्ट्र की जीवन धारा नवगीतसुशील शर्मा अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा राम राष्ट्र की जीवन धाराअखिल विश्व…

Jai Sri Ram kavitabahar

जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

 उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ नित सुबह, दोपहर,शाम,तुम्हें ध्याऊॅ आठों याम।हे जन-जन के प्रिय राम-स्वीकारो मेरा प्रणाम।टेक।…

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता सांध्य परिदर्शन गृह का पृष्ठ भाग उपवन है,तरु, लता, वनस्पति सघन है,मेरी यह दिनचर्या में शामिल,जीवन भर का संचित धन है! प्रातः पांच बजे उठकर जब,इधर उधर नज़रें दौड़ाता,मेरा गांव , वहां का…

रानी दुर्गावती पर कविता

रानी दुर्गावती पर कविता- भारत में जब भी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात होती है तो महान वीरांगना रानी दुर्गावती की चर्चा ज़रूर होती है। रानी रानी दुर्गावती न सिर्फ़ एक महान नाम है बल्कि वह एक आदर्श हैं उन सभी महिलाओं…

नंदावत हे बिसरावत हे

प्रस्तुत कविता नंदावत हे बिसरावत हे अनिल जांगड़े द्वारा रचित है जिसमें बताया गया है कि किस प्रकार से वक्त के साथ बहुत सारी चीजें अनुपयोगी होकर उनके स्थान पर दूसरी वस्तु ले जाती है। नंदावत हे बिसरावत हे पुरखा…