मोर दंता ओ शिरी – तोषण चुरेन्द्र

मोर दंता ओ शिरी – तोषण चुरेन्द्र मोर दंता ओ शिरी… आरती तोर उतारँवगंगा के पानी धरके ओ दाई तोर चरन ला पखारँवमोर दंता ओ शिरी….. दंतेवाड़ा मा बइठे ओ दाई दंताशिरी सुहायेबड़ सिधवा हम तोरे लइका महतारी तिही कहायेनरिहर…

किसान खेत जोतते हुए

किसान पर कविता

किसान पर कविता खेती किसानी पर कविता नांगर बइला पागा खुमरी संगहावय हमरो मितानीहोवत बिहनिया सूरूज जोत संगकरथंन खेती किसानी धरती दाई के सेवा बजाथंवचरण मा मांथ नवावंवरुख राई मोर डोंगरी पहाड़ीबनके मँय इतरावंवकलकल छलकत गंगा जइसनधार हे अरपा के…

मालविका अरुण की कवितायेँ

मालविका अरुण की कवितायेँ गुरु की महिमा गुरु प्राचीन हैं पर विकास हैंगुरु चेतना हैं, प्रकाश हैंएक महान पद्धति का प्रमाणगुरु, भारतीय संस्कृति का मान हैं। गुरु श्रम हैं, प्रोत्साहन हैंगुरु तप हैं, गुरु त्याग हैंगुरु निष्ठा हैं, विश्वास हैंगुरु…

शिव – मनहरण घनाक्षरी

शिव – मनहरण घनाक्षरी उमा कंत शिव भोले, डमरू की तान डोले, भंग संग  भस्म धारी, नाग कंठ हार है। शीश जटा चंद्रछवि, लेख रचे ब्रह्म कवि, गंग का विहार शीश, पुण्य प्राण धार है। नील कंठ  महादेव, शिव शिवा…

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि – मनीभाई नवरत्न

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि सूत बिहनिया उठके , मय करव अस्नान ।पार्वती ओ मैंइया तोरे हावे मोला धियान ।जइसन पाये तय अपन भोला भगवान।वइसन पावव हरजनम, मय अपन गोसान। लाली चौकी फबेहे, सुग्घर भुइयां भित्ति।भादों के अंजोरी…