स्कूल चलें हम – अकिल खान
स्कूल चलें हम – अकिल खान है नन्हें पैर मेरे,हौसला अफजाई बढ़ाने को,जाता हूँ स्कूल पढ़ने,इस मन को पढ़ाने को।हूं अडिग,एक नया अध्याय लिखने को,जाता हूं स्कूल शिक्षा-ज्ञान सीखने को।शिक्षा से दूर करूं,मैं अशिक्षा का भ्रम,गढ़ने एक नया अध्याय,स्कूल चलें हम। शिक्षक का डांट,मुझे एक नई राह दिखाता है,पुस्तक,कॉपी,कलम,मुझे सीखना सिखाता है।कभी अज्ञानता से पग … Read more