स्कूल चलें हम – अकिल खान

स्कूल चलें हम – अकिल खान है नन्हें पैर मेरे,हौसला अफजाई बढ़ाने को,जाता हूँ स्कूल पढ़ने,इस मन को पढ़ाने को।हूं अडिग,एक नया अध्याय लिखने को,जाता हूं स्कूल शिक्षा-ज्ञान सीखने को।शिक्षा से दूर करूं,मैं अशिक्षा का भ्रम,गढ़ने एक नया अध्याय,स्कूल चलें हम। शिक्षक का डांट,मुझे एक नई राह दिखाता है,पुस्तक,कॉपी,कलम,मुझे सीखना सिखाता है।कभी अज्ञानता से पग … Read more

जीवन पर कविता – कुसुम

मुसाफिर हैं हम जीवन पथ के मुसाफिर हैं हम जीवन पथ केराहें सबकी अलग-अलगधूप-छांव पथ के साथी हैंमंज़िल की है सबको ललक। राही हैं संघर्ष शील सबदामन में प्यार हो चाहे कसकपीड़ा के शोलों में है कोईकोई पा जाता खुशियों का फलक। मुसाफिर हूँ मैं उस डगर कीकाँटों पर जो नित रोज चलामधुऋतु हो या … Read more

जिन्दगी पर कविता – पुष्पा शर्मा

जिन्दगी का मकसद रोज सोचती हूँ।जिन्दगी का मकसदताकती ही रहती हूँमंजिल की लम्बी राह। सोचती ही रहती हूँप्रकृति की गतिविधियाँ,जो चलती रहती अविराम।सूरज का उदय अस्तरजनी दिवस का निर्माण। रात का अंधियारा करता दूरचाँद की चाँदनी का नूर।तारों की झिल मिल रहतीअँधेरी रातों का भय हरती। शीतल समीर संग होता सवेरा,परीन्दों के कलरव ने सृष्टि … Read more

आज भी बिखरे पड़े हैं – गंगाधर मनबोध गांगुली

आज भी बिखरे पड़े हैं – गंगाधर मनबोध गांगुली         गंगाधर मनबोध गांगुली ” सुलेख “           समाज सुधारक ” युवा कवि “ कल तक बिखरे पड़े थे ,           आज भी बिखरे पड़े हैं ।अपने आप को देखो ,             हम कहाँ पर खड़े हैं ।।01।। बट गये हैं लोग ,              जाति और धर्म पर ।गर्व करते रहो ,              मूर्खतापूर्ण … Read more

लालसा पर कविता – पूनम दुबे

लालसा पर कविता जो कभी खत्म ना हो,रोज एक के बाद एक,नई इच्छाओं का जन्म होना,पाने की धुन बनी रहती है, लालसा सबको खुश रखने तक,सपनों को पूरा करने तक,कब चैन की सांस लेंगे,अंधेरों से उजालों तक,कभी तो चैन मिलेगा ,पर ये लालसा बढ़ती रहती है, तुमसे कुछ कहूं कब सुनोगे मेरी बात,कुछ तुम्हें बताना … Read more