धूप पर कविता – पुष्पा शर्मा

धूप पर कविता – पुष्पा शर्मा कोहरे की गाढी ओढनीहिमांकित रजत किनारी लगी।ठिठुरन का संग साथ लिया सोई  रजनी अंधकार पगी। ऊषा के अनुपम रंगों नेसजाई अनुपम रंगोली,अवगुण्ठन हटा होले सेधूप आई ,ले किरण टोली। इठलाती बलखाती सी वोसब ओर छा रही है, धूप।नर्म सी सबको सहलातीभाया इसका रूप अनूप । नव जीवन  संचार करतीसृष्टि … Read more

पुष्पा शर्मा की गीतिका – पुष्पा शर्मा

पुष्पा शर्मा की गीतिका – पुष्पा शर्मा नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को सभी अब तो।भुलाकर के दया ममता सधा स्वारथ रहे अब तो। अहं में फूल कर चलता कभी नीचे नहीं देखा,मिले जब सीख दुनियाँ में लगे ठोकर कभी अब तो। बदल देता नज़ारा है सुई जब वक्त की घूमे,भले कितना करें अफ़सोस समय … Read more

छत्तीसगढ़ पर कविता – पंकज

छत्तीसगढ़ महिमा – पंकज छत्तीसगढ़  महतारी मोर छत्तीसगढ़  महतारी।तोर  कोरा म  रहिथे दाई  दाता अउ भिखारी।उत्तर म  सरगुजा  हावे स्वर्ग  समान  कहाथे।दक्षिण म केशकाल के घाटी सबके मन ल मोहाथे।पश्चिम  म  मैकल  पर्वत  हे बैगा  मन के डेरा।अउ पूरब  म अब्बड़ ऊँचा  जशपुर क्षेत्र पठारी।छत्तीसगढ़  महतारी महानदी ल गंगा कहिथे सबके प्यास बुझाथे।डोंगरगढ़ बमलाई म … Read more

प्रेमिका के लिए कविता – नेहा चाचरा बहल

प्रेमिका के लिए कविता – न जाने क्यों आज तुम्हे देखने का बड़ा मन हैलिख कर जज़्बात खत में तुम्हे भेजने का बड़ा मन है हाथों में हाथ डाले हम तुम भी घूमते थे फ़ुरसत के उन पलों को ढूंढने का बड़ा मन है कागज़ में नाम लिख कर कभी उसको फाड़ते थेतेरे नाम के … Read more

परिवर्तन पर कविता – पुष्पा शर्मा

परिवर्तन पर कविता – पुष्पा शर्मा परिवर्तन अवश्यंभावी है,  क्योंकि यह सृष्टि  का नियम है।नित नये अनुसंधान का क्रम है।सतत श्रम शील मानव का श्रम है। परिवर्तन   ज्ञान, विज्ञान मेंपरिवर्तन मौसम के बदलाव मेंसंसाधनों  की उपलब्धियों की होड़ में।परिवर्तन परिवार मेंसमाज राज्य देश में। हर रीति और रिवाज   में खान पान पहनावे मेंनित नया उत्साह  देता,जीवन  … Read more