पुष्पा शर्मा की गीतिका – पुष्पा शर्मा
पुष्पा शर्मा की गीतिका – पुष्पा शर्मा नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को सभी अब तो।भुलाकर के दया ममता सधा स्वारथ रहे अब तो। अहं में फूल कर चलता कभी नीचे नहीं देखा,मिले जब सीख दुनियाँ में लगे ठोकर कभी अब तो। बदल देता नज़ारा है सुई जब वक्त की घूमे,भले कितना करें अफ़सोस समय … Read more