माँ शारदे पर कविता

माँ शारदे पर कविता सृजनता का आधार दे।मुझको ऐसा ज्ञान दे । i अंधकार को दूर मिटा के।ज्ञान का प्रकाश दे । नमन् करूँ मै माँ शारदे को ।मुझको नित…

श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता

श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता मजदूर दिवस सूरज की पहली किरण से काम पर लग जाता हूँ।ढलते सूरज की किरणों संग वापस घर को आता हूँ।अपने घर परिवार के लिए,शरीर…
mahatma gandhi

गांधी जी के सपनों पर कविता

गांधी जी के सपनों पर कविता Mahatma gandhi गांधीजी के सपनों का है ये भारत,उन्नत होकर विकसित होता ये भारत।ग्रामीण परिवेश में जागरूकता बढ़ाया,स्वदेशी अपनाकर अभियान चलाया।। आर्थिक सामाजिक न्याय…

नित्य करूँ मैं वंदना

नित्य करूँ मैं वंदना नित्य करूँ मैं वंदना,गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह ,होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं,करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर,करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद…

मौत की खबर पर कविता

मौत की खबर पर कविता यूं ही मै गरल पीता रहा,चारदीवारी में गुनता रहा।नजर बंद हो अपने घर में,मौत खबर सब सुनता रहा। अपनों से अपने भी दूर हैं,काँधा भी…
Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी मर्यादा श्री राम की, जीवन में अपनाय।अहंभाव को त्यागकर,सदा नम्र बन जाय।।1।।सेवक हो हनुमान सा,होय न हिम्मत हार।लाय पहाड़ उठायके, करें दुखों…

हकीकतों पर कविता

हकीकतों पर कविता परिवर्तन के इसदौर मेंमैं एक ऐसे मोड़पर खड़ा हूंजहां से मुझे एकनिर्णायक निर्णयलेना हैपरंतुकुछ निर्णयलेने के पूर्वउन हकीकतों सेभी मुंह मोड़नामुझे मंजूर नहीं।।।

नौका पर कविता

नौका पर कविता मँझधारों में माँझी अटका,क्या तुम पार लगाओगी।जर्जर नौका गहन समंदर,सच बोलो कब आओगी। भावि समय संजोता माँझीवर्तमान की तज छाँयाअपनों की उन्नति हित भूलाजो अपनी जर्जर कायाक्या…

पंछी पर कविता

पंछी पर कविता यह,मन प्यासा,पंछी मेरानील गगन उड़ करे बसेरा ।पल मे देश विदेशों विचरण,कभी रुष्ट,पल मे अभिनंदन,*प्यासा पंछी, उड़ता मन।।* पल में अवध,परिक्रम करता,सरयू जल अंजुलि में भरता।पल में…