जीवन पर कविता – सुधा शर्मा
जीवन में रंग भरने दो – सुधा शर्मा कैसे हो जाता है मन ऐसी क्रूरता करने को? अपना ही लहू बहा रहे जाने किस सुख वरणे को ? आधुनिक प्रवाह में बहे चाहें जीवन सुख गहे वासनाओं के ज्वार में यूंअचेतन उमंगित रहे अंश कोख में आते हीविवश क्यों करते मरने को? अंश तुम्हारे शोणित … Read more