हाथी पर बाल कविता
हाथी पर बाल कविता हाथी पर कविता 1 हाथी आया झूम के,धरती माँ को चूम के। टाँगे इसकी मोटी हैं,आँखें इसकी छोटी हैं। गन्ने पत्ती खाता है,लंबी सूँड़ हिलाता है। सूपा जैसे इसके कान,देखो-देखो इसकी शान ॥ हाथी पर कविता 2 हाथी राजा कहाँ चले?सूँड हिलाकर कहाँ चले?हाथी राजा कहाँ चले?सूँड हिलाकर कहाँ चले? मेरे … Read more