ताँका कैसे लिखें

literature in hindi

ताँका जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली। उस समय इसके विषय धार्मिक या दरबारी हुआ करते थे। हाइकु का उद्भव इसी से हुआ।

छंदों की प्रारंभिक जानकारी

छंदों की प्रारंभिक जानकारी छन्द क्या है? यति, गति, वर्ण या मात्रा आदि की गणना के विचार से की गई रचना छन्द अथवा पद्य कहलाती है। चरण या पद –  छन्द की प्रत्येक पंक्ति को चरण या पद कहते हैं।…

सायली कैसे लिखें (How to write SAYLI)

हाइकु

सायली रचना विधान : सायली कैसे लिखें उदाहरण*= इश्क मिटा गया बनी बनायी हस्ती बिखर गया आशियाँ.. *© शिरीष देशमुख* तुझे याद नहीं मैं वहीं बिखरा छोडा जहां तुने..  © शिरीष देशमुख Post Views: 261

सेदोका कैसे लिखें (How to write SEDOKA)

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सेदोका कैसे लिखें (How to write SEDOKA) सेदोका रचना विधानसेदोका 05/07/07 – 05/07/07 वर्णक्रम की षट्पदी – छः चरणीय एक प्राचीन जापानी काव्य विधा है । इसमें कुल 38 वर्ण होते हैं , व्यतिक्रम स्वीकार नहीं है । इस काव्य…

महंगाई -विनोद सिल्ला

 महंगाई महंगी  दालें  क्यों  रोज  रुलाती।सब्जी  दूर  खड़ी  मुंह  चढाती।। अब सलाद अय्याशी कहलाता है,महंगाई  में  टमाटर  नहीं भाता है,मिर्ची  बिन   खाए  मुंह  जलाती।। मिट्ठे फल ख्वाबों में  ही  आते  हैं,आमजन इन्हें नहीं खरीद पाते हैं,खरीदें  तो  नानी  याद  है…

चन्द्रयान 2 पर कविता -डी.राज सेठिया

चन्द्रयान 2 पर कविता काबिलियत है,पर मार्ग कठिन बहुत है।हासिल कुछ नही ,पर पाया बहुत है। हाँ नींद भी बेची थी,पर सकून बहुत पाया था।हाँ चैन भी बेची थी,पर गर्व बहुत पाया था।। दुआएं थी सवा सौ करोड़ लोगों की,वह…

विघ्न हरो गणराज-सुधा शर्मा

विघ्न हरो गणराज हे गौरी नंदन हे गणपति,प्रथम पूज्य  महराज। कृपा करो हे नाथ हमारे,विघ्न हरें गण राज।। घना तिमिर है छाया जग में, भटक रहा इंसान।   भूल गया जीवन मूल्यों को ,बना हुआ शैतान।।  हे दुख भँजन आनंददाता,करिए  पूरी…

वे है मेरे गुरु जी-रोहित शर्मा ‘राही’

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

अच्छे गुरु की पहचान हो -डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

गुरू ने ज्ञान का दीप जलाया -सुन्दर लाल डडसेना मधुर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

तीजा तिहार पर आधारित लोकगीत -माधुरी डडसेना

तीजा तिहार पर आधारित लोकगीत  ठेठरी खुरमी धर के दीदी,तीजा मनाये बर आहे जी।गंहू के गुलगुल भजिया धरके,डोकरी दाई बर लाथे जी।।  दाई ददा के मयारू ह,   बेटी बनके आहे जी।बालपन के संगी जहूंरिया,  डेरउठी म रद्दा निहारे जी।।  बारा…

गणपति स्वागत है- माधुरी डडसेना

गणपति स्वागत है पधारिये गिरजाशिव नन्दन, गणपति स्वागत है। बुद्धि प्रदाता हे दुख भंजन  सदा शुभागत है।। मुसक वाहन प्रखर प्रणेता,जग के नायक हो। प्रथम पुज्य तुम हो अग्रेता,  सुख के दायक हो विश्वासों का दीप जलाये,    हम शरणागत है।…