सुरों की मल्लिका लता जी – जगदीश कौर

सुरों की मल्लिका लता जी- जगदीश कौर कहाँ गई वो सुरों की मल्लिकाकहाँ गई वो मधुर सी कोकिलाजिसके सुरों के जादू से सारा हिंदूस्तां था फूलों सा खिला। छेड़ती थी जब सुरों की तान मंद -मुग्ध हो जाता हिन्दूस्तानतेरे गुनगुनाएं गीतों सेऊर्जा से भरता नौजवान।। बस गई थी सभी के दिलों मेंभारत की यह लाडली … Read more

सुविचारित पग आगे बढ़ें

सुविचारित पग आगे बढ़ें मातृभूमि की सेवा करें,दलित शोषित समाज की पीड़ा हरें,निजी स्वार्थों से, ऊपर उठकर,पर हित में भी, ध्यान धरें,नव भारत के लिए, पथ गढ़ें,सुविचारित पग आगे बढ़ें! निर्धनता अभाव से जूझ रहे हैं लोग,अज्ञानता का व्याप्त है, महा रोग!अंध विश्वास, अंध श्रद्धा, सर्वत्र व्याप्त है,आगे बढ़ने के लिए, सब कुछ पर्याप्त है,फ़िर … Read more

भारत रत्न लताजी – ज्ञान भण्डारी

भारत रत्न लताजी – ज्ञान भण्डारी दूर झितिज,एक तारा टूटा ,रूठा धरा से, वो यों रूठा ,स्वर लहरी का , हर सुर डोला,शोकाकुल है बसंती चोला। कर्तव्य बोथ का भान तुम्हे था ,वेदना का अहसास तुम्हे था ,तुमने किए लाखो समर्पण ,उत्तम मिसाल दी नारी जीवन । साधिका थी तुम कंठ कोकिला ,रूप हंस वाहिनी … Read more

मनीभाई के प्रेम कविता

मनीभाई के प्रेम कविता दुख की घड़ियां है दो पल की दुख की घड़ियां है ,दो पल की।फिर क्यों तेरी ,आंखें छलकी ।।याद ना कर ,बातें कल की ….जाने जां  …जाने जां …जानेजां …जानेजां… माना दौर है , मुश्किल की ।आदत नहीं तेरी ,महफिल की ।मुस्कुरा तो जरा ,ख्वाहिश है दिल की….जाने जां  …जाने जां … Read more

मनीलाल पटेल की लघु कविता

मनीलाल पटेल की लघु कविता किसके बादल? स्वप्न घरौंदे तोड़के उमड़ता, घुमड़ता ।। बिना रथ के नभ में ये घन किसे लड़ता? नगाड़े ,आतिशबाजी नभ गर्जन है शोर । सरपट ही जा रहा किसके हाथों में डोर? भीग रहे, कच्ची ईंटें पकी धान की फसल किसान का ये नहीं तो, भला किसके बादल? मनीभाई नवरत्न, … Read more