11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या पाँच अरव हो गई तो जनसंख्या के इस विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए इस खतरे से विश्व को आगाह करने एवं बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु 11 जुलाई 1987 को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की गई। तब से ग्यारह जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जनसंख्या वृद्धि
बड़ी भीड़ है, भरी भीड़ है आबादी इतनी देश की,
संसाधनों की कमी बड़ी है। धरती का घटतासा जलस्तर
चिंता का विषय बड़ा है।
ऑक्सीजन की कमी के चलते,
आक्सीजन सिलेंडर का व्यापार चल पड़ा
है चिंता आने वाले कल की
बॉटल में न आक्सीजन बिके,
जैसे बिके जल धरती पर | साइकिल चलाना, स्वस्थ रहना
पेट्रोल बचाना आमदनी बड़ाना
आने वाली पीढ़ी के लिए,
वृक्ष लगाना कार्बनडाइ ऑक्साइड को दूर भगाना
सौर ऊर्जा का महत्व समझाना,
विद्युत बचाना, व्यय कम करना
हर चीज़ की कीमत पहचानना
बड़ती आबादी के चलते,
बेरोजगारी को दूर भगाना एक बेटी पर नसबंधी करवाना,
क्या ?
है हिम्मत यह कर पाने की
अगर है, देश के लिए कुछ करना
तो इसलिए है कदम उठाना ।
जय हिंद, जय भारत.
बड़ी भीड़ है, भरी भीड़ है आबादी इतनी देश की,
संसाधनों की कमी बड़ी है। धरती का घटतासा जलस्तर
चिंता का विषय बड़ा है।
ऑक्सीजन की कमी के चलते,
आक्सीजन सिलेंडर का व्यापार चल पड़ा
है चिंता आने वाले कल की
बॉटल में न आक्सीजन बिके,
जैसे बिके जल धरती पर | साइकिल चलाना, स्वस्थ रहना
पेट्रोल बचाना आमदनी बड़ाना
आने वाली पीढ़ी के लिए,
वृक्ष लगाना कार्बनडाइ ऑक्साइड को दूर भगाना
सौर ऊर्जा का महत्व समझाना,
विद्युत बचाना, व्यय कम करना
हर चीज़ की कीमत पहचानना
बड़ती आबादी के चलते,
बेरोजगारी को दूर भगाना एक बेटी पर नसबंधी करवाना,
क्या ?
है हिम्मत यह कर पाने की
अगर है, देश के लिए कुछ करना
तो इसलिए है कदम उठाना ।
जय हिंद, जय भारत.
-Yashika Lalwani
Ujjain(M.P